डुमरिया.
डुमरिया प्रखंड मुख्यालय के नाक के नीचे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की योजनाएं दम तोड़ रही है. डुमरिया गांव के सबर बस्ती में जल जीवन मिशन के तहत बना सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना सिर्फ योजना बनकर रह गयी है. 2022-23 में यह जलमीनार सिर्फ विभाग और संवेदक के फायदे के लिए बनाया गया. क्योंकि जब से यह जलमीनार बनी है तब से आज तक घर- घर लगाये गये नल से ग्रामीणों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि समय सीमा में पानी टंकी नहीं बनायी गयी. निर्माण में घटिया ईंट का प्रयोग किया गया. मानक के अनुरूप जलमीनार नहीं बनायी गयी. इसलिए, आज तक इस जलमीनार का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिला. हाल यह है कि ग्रामीणों को प्राक्कलन की जानकारी नहीं दी जाती है. सूचना पट्ट भी निर्माण कार्य के पूर्व कार्यस्थल पर नहीं लगाया जाता है. इससे ग्रामीणों को यह नहीं पता चलता कि जलमीनार के लिए डीप बोरिंग गाड़ी जायेगी या पुराने बोरिंग पर ही मोटर लगाया जायेगा. डुमरिया में संवेदक द्वारा लाभुकों के घर- घर तक पाइपलाइन तो बिछा दी गयी. लेकिन, किसी के घर पानी नहीं पहुंचा. ग्रामीणों ने बताया कि पानी टंकी में काम करने वाले ही कंट्रोलर को खोलकर ले गये हैं.डुमरिया के इस सोलर आधारित जलमीनार की कंट्रोलर की चोरी हो गयी है. यह चोरी मेरे कार्यकाल के पहले हुई है. यह जानकारी संवेदक से मिली थी. एसडीओ से बात कर इसे दुरुस्त कराया जायेगा. –
आलोक राय
, कनीय अभियंता, पीएचडी, डुमरियाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है