बरसोल. बहरागोड़ा प्रखंड की ब्राह्मणकुंडी पंचायत स्थित कोसतडुआ गांव में पति अनिल कुमार दास के देहांत के बाद पत्नी शांति लता दास व दो बच्चे दाने-दाने के मोहताज हो गये हैं. विधवा अपने छोटे बच्चों के लिए प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगा रही है. शांति दास का कहना है कि उसके पति कुछ साल पहले बिजली ठीक करने को लेकर पोल पर चढ़े थे. वहां से गिरने पर रीढ़ की हड्डी टूट गयी. अपनी संपत्ति गिरवी रखकर उनका ओडिशा में इलाज कराया. वे काफी हद तक ठीक हो चुके थे. 2025 में फिर दर्द शुरू होने के बाद कटक सरकारी अस्पताल में भर्ती किया था. वहां इलाज के दौरान 15 दिन पहले उनकी मौत हो चुकी है. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण के शव को घर नहीं ला सके. कटक में अंतिम संस्कार कर दिया गया. गांव में चावल व पैसे मांगकर किसी तरह क्रिया-कर्म किया. शांति लता दास का कहना है कि उनका नाम राशन कार्ड में नहीं है. सिर्फ बड़ी बेटी और उसके पिता का नाम था. पति की मौत के बाद सिर्फ बड़ी बेटी को 5 किलो चावल मिलेगा. उसे मंईयां सम्मान योजना का लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में परिवार कैसे चलेगा की चिंता है. जमीन और गहने पति के इलाज के लिए गिरवी रखे हुए हैं. उनकी बड़ी बेटी 8 साल व छोटा बेटा 1 साल का है. उन्होंने प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगायी है. दो बच्चों को पढ़ाने की भी चिंता है.
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