मुसाबनी. प्रशासन की पहल पर यूसीआइएल की बागजाता माइंस में जारी गतिरोध का समाधान हो गया. यहां गुरुवार सुबह की पाली में बागजाता माइंस में काम फिर से शुरू हुआ.18 दिनों के बाद ठेका मजदूर माइंस में ड्यूटी करने पहुंचे. माइंस में उत्पादन के साथ अयस्क का परिवहन भी प्रारंभ हो गया. माइंस के फिर से चालू होने से माइंस के ठेका मजदूरों ने राहत की सांस ली. ठेका मजदूर माइंस बंद होने के कारण नो वर्क नो पे के नोटिस से बेरोजगार हो गये थे. माइंस बंदी के कारण ठेका मजदूरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. 10 मार्च को सुबह की पाली में बाकड़ा मदन टोला के रैयत बरियार टुडू व उनके परिवार वालों ने माइंस में नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर अपने घर के सामने सड़क जाम कर बागजाता माइंस जाने वाले वाहनों को रोक दिया था. इसके कारण बागजाता माइंस ड्यूटी करने अधिकारी और कर्मचारी नहीं जा सके और बागजाता माइंस में उत्पादन के साथ अयस्क परिवहन ठप हो गया था. प्रशासन के आश्वासन पर पीड़ित परिवार ने गतिरोध समाप्त किया.
नो वर्क नो पर की नोटिस लगी थी
मालूम हो कि माइंस प्रबंधन ने सड़क जाम के कारण माइंस बंद होने की स्थिति में ठेका श्रमिकों के लिए नो वर्क नो पर का नोटिस लगा दिया था और अपने स्थाई कर्मचारियों को जादूगोड़ा माइंस ड्यूटी करने के लिए भेजा था. रैयतदार अपनी रैयती भूमि पर सड़क बनी होने की बात कह कर सड़क में गड्ढे बनाना शुरू किया था, इसकी सूचना पाकर प्रशासन हरकत में आया, तो सीओ ऋषिकेश मरांडी व थाना प्रभारी अनुज कुमार सिंह बाकड़ा मदन टोला जाकर रैयत परिवार को सड़क काटने से रोका और रैयतों को थाना वार्ता के लिए लेकर आये. इसके साथ यूसीआइएल के वाहनों एवं कर्मचारियों को माइंस भेजा. वाहनों का परिचालन प्रारंभ हुआ. प्रशासन की पहल पर पिछले एक पखवाड़े से अधिक समय से जारी गतिरोध के समाधान हुआ और बागजाता माइंस में फिर से काम शुरू हो गया. इससे माइंस के 350 ठेका मजदूरों में खुशी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है