मुसाबनी. एचसीएल प्रबंधन व ठेका कंपनी श्रीराम इपीसी के बीच विवाद के कारण सुरदा फेस टू पांच वर्षों से बंद है. एचसीएल व ठेका कंपनी के विवाद के बीच मजदूर फंसे हैं. मजदूरों के परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. मजदूरों को रोजगार देने की मांग को लेकर आंदोलन भी हुए, लेकिन अबतक केवल आश्वासन ही मिला है.
आश्वासन के बावजूद नहीं मिला रोजगार, प्रबंधन से टूट रहा भरोसा
सोहदा ग्रामसभा की ओर से 27 मई 2025 को ग्राम प्रधान दिलीप हेंब्रम और आदिम जनजाति कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष रानी सबरीन के नेतृत्व में सुरदा फेस-2 के मजदूरों के समायोजन की मांग को लेकर सुरदा सॉफ्ट-3 में आर्थिक नाकेबंदी एवं हुड़का जाम आंदोलन किया गया था. इस आंदोलन में मजदूर अपने परिवारों के साथ शामिल हुए थे. आंदोलन के दबाव में एचसीएल प्रबंधन ने वार्ता कर आंदोलनकारियों को यह लिखित आश्वासन दिया था कि 11 जून 2025 से सुरदा सॉफ्ट-3 में रोटेशन के आधार पर सभी मजदूरों को प्रति माह 6 दिन रोजगार दिया जायेगा. इस आश्वासन के बाद आंदोलन को समाप्त कर दिया गया था.हक के लिए भूख हड़ताल की चेतावनी
सुरदा फेस टू के मजदूर फिर से अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. सुरदा फेस टू के मजदूर नेता प्रशांत हासदा ने कहा कि प्रबंधन मजदूरों के हितों के प्रति उदासीन है. मजदूर तथा उनके परिवार बदहाली में जी रहे हैं. अब तक सुरदा फेस टू के मजदूरों की रोजगार के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला. उन्होंने कहा की मजदूरों को एचसीएल प्रबंधन द्वारा दिए गये आश्वासन के बावजूद 11 जून से सुरदा सॉफ्ट 3 में रोटेशन के आधार पर काम नहीं मिला है. उन्होंने कहा यदि प्रबंधन अपने वादे के अनुसार जल्द सुरदा फेस टू के मजदूरों को रोजगार देने की व्यवस्था नहीं करता है तो मजदूर अपने हक के लिए अनुमंडल कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठने को विवश होंगे. इधर एचसीएल प्रबंधन ने 12 जून को एक नोटिस जारी कर सुरदा फेस टू के मजदूरों से अस्थायी समायोजन प्रारंभ करने के लिए संवेदक की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. संवेदक की नियुक्ति प्रक्रिया पूरा होने पर आगामी सप्ताह से मजदूरों के समायोजन प्रारंभ होने की बात कही है.
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