गढ़वा.
सदर अस्पताल में शनिवार को गाइनी विभाग में एक प्रसूता की मौत हो जाने के बाद करीब दो घंटे तक उसके परिजनों से उसे छुपाये रखा गया. चिकित्साकर्मी उनसे रक्त व दवा लाने की व्यवस्था कराते रहे. बाद में मृतका को जिंदा बता कर रेफर करने का प्रयास किया गया. लेकिन जब परिजनों को वास्तविक स्थिति का पता चला, तब परिजनों ने हंगामा किया और इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. मामला मेराल थाना क्षेत्र के गतियरवा गांव के विनोद चौधरी की पत्नी गीता देवी से जुड़ा है. गीता देवी (25 वर्ष) को शनिवार की सुबह 8:55 बजे प्रसव के लिए गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती किया गया था. उस समय गाइनी ओपीडी अथवा प्रसव कक्ष में कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था. नर्सों ने ही उसे भर्ती कर लिया. दोपहर 1:30 बजे गीता देवी ने सामान्य प्रसव के जरिये जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. लेकिन उसके बाद से ही उसकी स्थिति बिगड़ने लगी. परिवार के लोग ओपीडी से लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कक्ष तक की दौड़ लगाते रहे. मृतका के परिजनों के अनुसार दोपहर बाद करीब 3:30 बजे ही उसकी मौत हो गयी क्योंकि शरीर में कोई भी हरकत नहीं हो रही थी. फिर भी परिजन को कभी दवा लाने, तो कभी रक्त की व्यवस्था करने के नाम पर उलझाये रखा गया. बताया गया कि शाम करीब पांच बजे गीता देवी को रेफर कर दिया गया. लेकिन जब परिजन ने उसके शरीर को छुआ, तो उन्हें एहसास हुआ कि गीता देवी की मौत हो चुकी है. इसके बाद मृतका के परिजन रोने लगे और हंगामा शुरु हो गया. डॉ हरेनचंद महतो प्रसव कक्ष में पहुंचे : इसकी जानकारी मिलने पर उपाधीक्षक डॉ हरेनचंद महतो प्रसव कक्ष में पहुंचे. लेकिन मृतका के परिजन के कड़े तेवर देखकर वे भी मौके से खिसक गये. मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में न तो प्रसव के लिए कोई तैयारी थी, न ही प्रशिक्षित स्टाफ की मौजूदगी. महिला को भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन इलाज में लापरवाही के कारण उसकी जान चली गयी. परिजनो का आरोप है कि उनका मरीज ठीक था. चिकित्सक के नहीं रहने के कारण नर्स ने लापरवाही की.मृतका को रेफर करने का आरोप : इतना ही नहीं, सदर अस्पताल की उपाधीक्षक सहित महिला चिकित्सकों ने गीता के 3:30 बजे मौत होने के बाद भी छह बजे उसे मेदिनीनगर के लिए रेफर कर दिया और उसे तत्काल मेदिनीनगर ले जाने की सलाह भी दे दी गयी.
सदर अस्पताल पहुंचे एसडीओ : इस घटना की जानकारी मिलने के बाद एसडीओ संजय कुमार पांडेय ने गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली. उन्होंने चिकित्सकों को बुलाकर घटना के बारे में पूछताछ की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है