श्री बंशीधर नगर.
बालू माफियाओं द्वारा छत्तीसगढ के पुलिसकर्मी को कुचल कर मार देने की घटना से सहमे हुए हैं. सोमवार को घटनास्थल लिबरा बालू घाट पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था. यहां पूरे दिन बालू का उठाव होता रहता है, सैकड़ों ट्रैक्टर लगे रहते हैं. लेकिन सोमवार को वहां पर एक भी व्यक्ति या वाहन नजर नहीं आया. नदी में छत्तीसगढ़ की सीमा में बालू उठाव के लिए ट्रैक्टर के टायरों के निशान साफ नजर आ रहे थे. बालू माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ गया है कि घाट पर जाने के लिए जंगल में कई रास्ते बना दिये गये हैं. जंगल में ही जगह-जगह बालू डंप करने के निशान हैं. यही नहीं कनहर नदी में झारखंड की तरफ बाकायदा पत्थर बिछाकर दूसरी ओर जाने के लिए रास्ता बना दिया गया है. जंगल में ही डंप होता है बालू : स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि धुरकी स्थित कनहर नदी के विभिन्न घाटों से बड़े पैमाने पर अवैध बालू का उत्खनन होता है. दिन में उत्खनन कर जंगल में एवं धुरकी के विभिन्न जगहों पर डंप कर दिया जाता है. रात में टीपर, हाइवा और ट्रैक्टर से धुरकी, श्री बंशीधर नगर, रमना और मेराल आदि इलाकों में बेचा जाता है. हालांकि छत्तीसगढ़ की घटना के बाद फिलहाल बालू माफिया सहमे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है