गढ़वा.
गढ़वा शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए करोड़ों की लागत से फोरलेन बाइपास सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. इसे आम लोगों के लिए चालू भी कर दिया गया है. इसके बावजूद शहर में जाम की समस्या बरकरार है. इसका मुख्य कारण बाहर से आनेवाले वाहनों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश, सूचना पट्ट या मार्गदर्शन का नहीं होना है. इससे वे बाइपास की जगह शहर के भीतरी इलाकों में सीधे प्रवेश कर जाते हैं. जो शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बनता है. चार राज्यों को जोड़ता है गढ़वा, ट्रैफिक दबाव अधिकगढ़वा जिला भू-स्थानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह झारखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ राज्यों को भी जोड़ता है. इन चारों राज्यों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में मालवाहक ट्रक, यात्री बसें एवं अन्य वाहन गढ़वा होकर गुजरते हैं. विशेषकर उत्तर प्रदेश की ओर से आने वाले वाहन कचहरी रोड से सीधे शहर में प्रवेश कर जाते हैं. जबकि इनके लिए खजुरी के पास से बाइपास मार्ग पहले से ही उपलब्ध है. लेकिन मार्गदर्शन के अभाव में चालक शहर के भीतर घुस जाते हैं तथा शहर की मुख्य सड़कों को जाम कर देते हैं.बिना योजना के यातायात व्यवस्था, दुर्घटना का खतराशहर में व्याप्त ट्रैफिक अव्यवस्था केवल लोगों की दिनचर्या को प्रभावित नहीं कर रही, बल्कि आयेे दिन छोटी-बड़ी दुर्घटना भी हो रही है. स्कूल जाने वाले बच्चों, ऑफिस कर्मचारियों, मरीजों और आपातकालीन सेवाओं को जाम के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ती है.
यात्री बसों को मजबूरी में शहर में घुसना पड़ता हैदूसरे राज्यों से गढ़वा आने-जाने वाली यात्री बसों को शहर के मध्य में स्थित अंतरराज्यीय बस अड्डे तक पहुंचना होता है. इसके लिए उन्हें शहर के भीतरी रास्तों का उपयोग करना पड़ता है, क्योंकि बाहर निकलने या प्रवेश के लिए कोई अलग वैकल्पिक मार्ग अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. हालांकि नदी किनारे एक मिनी बाइपास मौजूद है, लेकिन उसकी चौड़ाई इतनी कम है कि बड़ी बसों को उसमें से निकलने में काफी मशक्कत करना पड़ता है.तीन पहिया वाहन भी समस्या की बड़ी वजहशहर में संचालित ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा जैसे तीन पहिया वाहनों के लिए रूट और स्टैंड तय किये गये हैं, लेकिन इनका पालन सख्ती से नहीं हो रहा है. ज्यादातर वाहन चालक निर्धारित रूट से हटकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में सवारियां ढ़ोते हैं. इससे ट्रैफिक का दबाव और बढ़ जाता है. इन वाहनों की अनियंत्रित संख्या और अव्यवस्थित संचालन भी जाम के प्रमुख कारणों में शामिल है.
प्रशासन से ठोस और दीर्घकालिक समाधान की अपेक्षाशहरवासियों की मांग है कि जिला प्रशासन इस समस्या पर जल्द ध्यान दे और ठोस कदम उठाये. बाइपास मार्ग पर स्पष्ट दिशा-निर्देश और सूचना पट्ट लगाये जायें या भारी वाहनों को शहर में प्रवेश से रोकने के लिए बैरिकेड बनाया जाये एवं पुलिस बल की तैनाती हो. अंतरराज्यीय बस अड्डे को शहर के बाहर स्थानांतरित किया जाये या उसके लिए वैकल्पिक प्रवेश एवं निकास मार्ग बनाया जाये. तीन पहिया वाहनों के संचालन पर निगरानी और रूट प्रबंधन को सख्ती से लागू किया जाये. अगर इन बिंदुओं पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गयी, तो आने वाले समय में गढ़वा शहर में जाम की स्थिति और गंभीर हो सकती है. इससे आम जनजीवन प्रभावित होने के साथ-साथ विकास कार्यों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है