गढ़वा. रविवार को सदर अस्पताल के सामने ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम करने के मामले में गढ़वा थाना में मामला दर्ज किया गया है. सड़क दुर्घटना में मृत एक युवक के शव का अविलंब पोस्टमार्टम करने की मांग को लेकर ग्रामीणों और परिजनों ने रविवार को यहां मुख्य मार्ग जाम कर दिया था. इस मामले में आवागमन बाधित करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. उल्लेखनीय है कि एसडीओ संजय कुमार ने पूर्व में ही इस बात का निर्देश जारी किया है कि गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र में कहीं भी सार्वजनिक आवागमन को जानबूझकर बाधित करने पर कार्रवाई की जायेगी. गत माह भी गढ़वा प्रखंड अंतर्गत हाइवे पर हुई एक दुर्घटना के बाद सड़क जाम करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. एसडीओ ने नागरिकों से कहा है कि किसी भी विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क जाम करना सही तरीका नहीं है. किसी भी विभाग, कार्यालय या पदाधिकारी के विरुद्ध अगर किसी को कोई शिकायत, असंतोष या गुस्सा भी है, तो इसके लिए तमाम प्रशासनिक व कानूनी विकल्प मौजूद हैं. सबसे अच्छा विकल्प तो यही है कि ऐसे मामलों में जिले के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारियों को अविलंब सूचना दी जाये. यदि उन्हें भी कोई ऐसी सूचना मिलती है, तो वह भी तुरंत संज्ञान लेंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत हैं कड़े प्रावधान एसडीओ ने जानकारी दी कि राजमार्ग को अवरूद्ध करना एक संज्ञेय अपराध है. इसके लिए संबंधित अधिनियम की धारा आठ (बी) के तहत पांच वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है, इसलिए लोग जानबूझकर हाईवे जाम करने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल न हों.
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