कांडी. लोक आस्था का महापर्व चैती छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंगलवार को नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत हुई. बुधवार को विधिवत रूप से खरना का आयोजन किया गया. इस दिन सभी छठ व्रतियों ने पूरे दिन उपवास रखकर संध्या समय भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना करने के बाद गुड़ और चावल से निर्मित प्रसाद ग्रहण किया. खरना छठ महापर्व का सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जाता है. इस दिन व्रतधारी पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ की खीर, रोटी और फल का प्रसाद ग्रहण करते हैं. यह प्रसाद पूरी तरह शुद्धता और सात्विकता के साथ बनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन का उपवास और संकल्प छठ व्रत को संपूर्णता प्रदान करता है तथा व्रतियों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. छठ महापर्व के मद्देनजर क्षेत्र के प्रसिद्ध सतबहिनी झरना तीर्थ तथा टेंपल इन वाटर सूर्य मंदिर कांडी में व्यापक तैयारियां की गयी हैं. सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल पर खरना के दिन करीब 500 की संख्या में व्रती पहुंचे. प्रखंड के अतिरिक्त बिशुनपुरा व विश्रामपुर प्रखंड के भी व्रती छठ करने सतबहिनी पहुंचे थे. श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए बिजली, जल आपूर्ति, तथा स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की गयी है. स्थानीय कमेटियों ने यह सुनिश्चित किया है कि व्रतियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.
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