कांडी. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बायीं बांकी सिंचाई परियोजना का निर्माण आज भी अधूरा पड़ा हुआ है. इस नहर का जीर्णोद्धार व पक्कीकरण का कार्य पूरा नही कर निर्माण कंपनी कागजों पर पूराो दिखाकर चली गयी है. क्षेत्र के दर्जनों ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से मांग किया है कि अभी भी उक्त नहर में दर्जनों स्थानों पर अवरोध है, जिसे हटाया नहीं गया है. इस कारण नहर का पानी सीधे नहर में न बहकर अगल बगल के खेत में व लोगों के घरों से होकर बहती है, सभी ने बताया कि नहर के सभी अवरोधों व नहर की सफाई जरूरी है, जिससे नहर का पानी नहर में ही बहे. सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल के मुख्य गेट के पास लगभग 50 फिट की लंबाई में नहर को खुदाई ही नहीं किया गया है. यह नहर पश्चिम से पूरब की ओर बहती है. लेकिन सतबहिनी गेट के पास नहर बंद है. निर्माण कंपनी द्वारा वहां पर न पुलिया बनाया गया और न ह्यूम पाइप ही दिया गया है. इस जगह पर नहर का पानी पूरब की ओर नहर में न जाकर अगल बगल के खेत में व सड़क पर बहती है. बांकी नहर को ठीक करने की मांग करने वालों में शशि पाण्डेय,लल्ला पाण्डेय,बैजनाथ पाण्डेय,शम्भू सिंह,गोरख सिंह,विभूति नारायण दुबे,नवल किशोर तिवारी ,शम्भू गुप्ता,प्रमोद कुमार सिंह, ध्रुव कुमार पांडेय,सुखदेव प्रसाद ,लल्लू यादव सहित कई लोग शामिल हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है