गढ़वा.
क्रांतिकारी किसान मजदूर यूनियन के बैनर तले आठ सूत्री मांगों को लेकर विभिन्न संगठनों ने मंगलवार को समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद सभी संगठनों के लोग समाहरणालय के गेट पर धरना पर बैठ गये. इससे समाहरणालय का मुख्य गेट घंटों जाम रहा. धरना के बाद उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मांग पत्र सौंपा गया. इसमें झारखंड भूमि बैंक को खारिज करने, रिविजनल सर्वे को रद्द करने, भूमिहीन गरीबों को दो-दो एकड़ भूमि देने, वन में रहनेवाले परिवारों को वन पट्टा देने, वन विभाग के फर्जी केस वापस लेने, ग्रामसभा का अधिकार लागू करने, न्यूनतम समर्थित मूल्य को कानून बनाने तथा विकास के नाम पर काटे जा रहे जंगल को संरक्षित करने की मांग शामिल है. भूमि बैंक रद्द करना व गरीबों को जमीन देना बाकी : इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि झारखंड के किसान बेहद परेशान हैं. गैरमजरूआ, भूदान व बंदोबस्ती की भूमि गरीब किसानों को प्राप्त हुई थी. उक्त भूमि को पूर्व की रघुवर सरकार ने भूमि बैंक बना दिया था. तभी से उसका रसीद नहीं कट रहा है. इससे गरीब परिवार परेशान हैं. वक्ताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन ने चुनाव के पूर्व जनता से वादा किया था कि वह भूमि बैंक को रद्द कर देंगे और सभी भूमिहीनों को दो-दो एकड़ जमीन देंगे. साथ उन्होंने जंगल में रहनेवाले परिवारों को वन पट्टा देने की भी घोषणा की थी. पर अभी तक इसपर कोई अमल नहीं किया जा रहा है.रिविजनल सर्वे पूरी तरह त्रूटिपूर्ण : उन्होंने कहा कि रिविजनल सर्वे पूरी तरह से त्रूटिपूर्ण है. एससी, एसटी व ओबीसी की खतियानी भूमि को भी चालाकी से दबंगों के नाम कर दिया गया है. सैकड़ों वर्षों से भूमि पर रहनेवाले परिवारों को भी उजाड़ा जा रहा है. दस्तावेज के अभाव में न्यायालय से दबंग व फर्जी लोगों के पक्ष में ही निर्णय आ जा रहा है.
बालू की किल्लत का भी मामला उठा : नेताओं ने अपने भाषण में पूरे राज्य में हुई बालू की किल्लत तथा किसानों को खाद-बीज मेंं हो रही परेशानी का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी सभी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो वे आगे अपना आंदोलन तेज करेंगे. धरना को क्रांतिकारी किसान मजदूर यूनियन झारखंड इकाई के अशोक पाल, कूटकू डूब क्षेत्र शहीद नीलांबर-पीतांबर इकाई के अरूण सिंह, मूल निवासी संघ के विनय पाल, जन संग्राम मोर्चा के शत्रुघ्न कुमार शत्रु आदि ने संबोधित किया. धरना-प्रदर्शन में झारखंड क्रांति मंच सहित अन्य कई संगठन के लोग भी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है