गढ़वा.
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने हिंदी, मगही, भोजपुरी व पलमुआ भाषा को लेकर हेमंत सरकार का विरोध किया है. उन्होंने बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि झामुमो सरकार युवाओं के बीच भाषा का विवाद पैदा कर झारखंड के युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है. उन्होंने कहा कि नागपुरी भाषा पलामू व गढ़वा की नहीं है. झारखंड में गढ़वा व पलामू सहित कई अन्य जिलों में लोग हिंदी, मगही व भोजपुरी भाषा बोलते-समझते हैं. हेमंत सरकार जानबूझकर भाषा का विवाद उत्पन्न कर रही है. झारखंड में 50 प्रतिशत से अधिक लोग हिंदी, मगही व भोजपुरी भाषा समझते हैं. हेमंत सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी भाषा विवाद पैदा किया था. इसका भाजपा ने खुलकर विरोध किया था. इस वजह से अंततः सरकार को फैसला वापस लेकर लागू करना पड़ा था. लेकिन हेमंत सरकार के दूसरे कार्यकाल में फिर से भाषा विवाद उत्पन्न किया जा रहा है. बार-बार भाषा विवाद में झारखंड को उलझाकर विकास अवरूद्ध किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि झामुमो, राजद व कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हिंदी, मगही, भोजपुरी व अंग्रेजी जैसी भाषावाले लोगों से उनको मतलब नहीं है. हेमंत सरकार के इस फैसले से युवाओं में काफी निराशा है. उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार बिना भाषा विवाद सुलझाये किसी भी प्रकार की बहाली न करे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है