गढ़वा.
देश के कई हिस्सों में गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है. तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. ऐसे में लू लगने (हीट स्ट्रोक) का खतरा लगातार बढ़ रहा है. लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और जागरूकता से इससे बचा जा सकता है. उक्त बातें फिजीशियन डॉ अरशद अंसारी ने कही है. क्या है लू (हीट स्ट्रोक) : लू तब लगती है जब अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है और शरीर पसीना बनाकर खुद को ठंडा नहीं कर पाता. इससे मस्तिष्क, हृदय और अन्य अंगों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. कई बार समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा भी हो सकता है. ऐसे में लक्षणों को पहचानना जरूरी है. लू लगने पर शरीर का तापमान 40 डिग्री से ऊपर होने पर चक्कर आना, सिरदर्द और उल्टी, त्वचा का लाल या सूखा हो जाना, अत्यधिक या बिल्कुल पसीना न आना, तेज या असामान्य रूप से धीमी धड़कन, मानसिक भ्रम, बेहोशी या कमजोरी जैसे लक्षण दिखायी देते हैं.कैसे करें लू से बचाव : डॉ अरशद ने कहा कि लू से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पियें. नींबू पानी, नारियल पानी व ओआरएस लें और डिहाइड्रेशन से बचें. इस मौसम में सूती, हल्के रंग और ढीले कपड़े पहनें, जो हवा पास करें. वहीं धूप से परहेज करें. दोपहर 12 से तीन बजे तक अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, टोपी, छाता या गमछा अवश्य लें. ठंडी जगह में रहें ऐसे में पंखा, कूलर या एसी का इस्तेमाल करें. भारी काम या व्यायाम से बचने की जरूरत है. बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सुरक्षा देने की जरूरत है.
लू लगे तो क्या करें : डॉ अरशद ने कहा कि लू लगने पर तुरंत ठंडी छायादार जगह पर लू लगने वालों को ले जायें तथा गीले कपड़े या स्पंज से शरीर को ठंडा करें. पीड़ित यदि होश में हो, तो धीरे-धीरे पानी या ओआरएस दें. बिना देर किये नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करें. गर्मियों के मौसम में थोड़ी सी सतर्कता न केवल खुद को, बल्कि अपने परिवार और आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रख सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है