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नदियों की सफाई, अतिक्रमण, अंचल में गड़बड़ी व स्टांप की कमी का मुद्दा उठाया

नदियों की सफाई, अतिक्रमण, अंचल में गड़बड़ी व स्टांप की कमी का मुद्दा उठाया

गढ़वा.

सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के नियमित साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम कॉफी विद एसडीएम की 25वीं कड़ी में बुधवार को अनुमंडल क्षेत्र के अधिवक्ताओं ने भाग लिया. इस अनौपचारिक संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने न केवल अपनी निजी समस्याएं बतायी बल्कि अधिवक्ता हितों का मुद्दों भी उठाया. साथ ही शहर और जिले की बेहतरी को लेकर सकारात्मक सुझाव भी दिये. प्राप्त शिकायतों एवं सुझावों पर त्वरित निस्तारण एवं अमल करने के लिए सभी को एसडीएम की ओर से आश्वस्त किया गया.

नदी अतिक्रमण को लेकर जतायी चिंता : अधिवक्ताओं ने दानरो और सरस्वतिया नदी के अतिक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए इन दोनों जीवनदायिनी नदियों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए प्रभावी अभियान चलाने का अनुरोध अनुमंडल पदाधिकारी से किया. एसडीएम ने सभी को बताया कि पूर्व में अभियान चलाये गये हैं. पुनः इस दिशा में निर्णायक अभियान चलाया जायेगा. कुछ लोगों ने नगर परिषद का कचरा नदियों में डंप किये जाने की शिकायत भी की. इस पर एसडीएम ने बताया कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट प्रगति पर है. इसके बन जाने के बाद डंपिंग स्थल का स्थायी हल हो जायेगा. साथ ही जो कचरा अभी नदी तट पर पड़ा है, उसे रीसाइकिल करने के लिए नगर परिषद लगातार कार्य कर रहा है.

एसडीएम कोर्ट के पुराने मामले जल्द निस्तारित हों : अधिवक्ता प्रमोद चौबे, मिथिलेश दुबे व अशोक तिवारी ने एसडीएम से कहा कि उनके न्यायालय में कई मामले ऐसे हैं, जो एक दशक से अधिक समय से भी चल रहे हैं. उन्हें निस्तारित करने के लिए विशेष पहल की जाये. इस पर संजय कुमार की ओर से बताया गया है कि ऐसे कई मामले निस्तारित हुए हैं और कई पुराने मामलों में खुद स्थल भ्रमण कर या मध्यस्थता कराकर उनको सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है.

चिनिया रोड चौड़ीकरण से जुड़ा मुद्दा उठाया : अधिवक्ता भृगुनाथ चौबे ने चिनिया रोड चौड़ीकरण मामले से जुड़ी विसंगतियों पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए अनुमंडल पदाधिकारी से अनुरोध किया कि सड़क चौड़ीकरण के क्रम में चलाया गया अतिक्रमण विरोधी अभियान अभी भी अधूरा है. इस पर अभी काम करने की जरूरत है.

गढ़वा अंचल कार्यालय के विरुद्ध की शिकायतलगभग सभी अधिवक्ताओं ने एकमत से गढ़वा अंचल कार्यालय में व्याप्त अनियमितताओं की शिकायत करते हुए अंचल कार्यालय की जांच करने का सुझाव दिया. गढ़वा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भृगुनाथ चौबे में कहा कि गढ़वा अंचल के अधिकारी और कर्मचारियों पर दलाल हावी हो गये हैं. गलत एलपीसी बनाने के प्रमाण भी अधिवक्ताओं के पास मौजूद हैं. सभी ने एक मत से कहा कि यदि अंचल कार्यालय की शैली ठीक रहेगी, तो भूमि विवाद स्वत: कम हो जायेंगे.

अवैध पार्किंग के विरुद्ध कार्रवाई की मांग

अधिवक्ताओं ने शहर की कई संकरी गलियों में कोचिंग संस्थानों के खुल जाने के बाद गलियों में बाइक की अवैध पार्किंग के चलते रास्ता जाम हो जाने की शिकायत करते हुए उन मकान मालिकों को नोटिस देने का सुझाव दिया, जिन्होंने तंग गलियों के बावजूद अपने घर किराये पर कोचिंग संस्थानों को दे दिये हैं. इसके अलावा गोविंद विद्यालय मैदान में नगर परिषद द्वारा कराये जा रहे वाहन पड़ाव को अधिवक्ताओं ने अवैध बताया. कहा कि चूंकि यह भूमि सरकारी न होकर निजी दानदाता की भूमि है और विद्यालय के छात्रों के प्रयोग के लिए है, इसलिए इस मैदान में पार्किंग करना अवैध है. इस पर एसडीएम ने आवश्यक पहल करने का भरोसा दिया.

पब्लिक यूरिनल की मांग : अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने गढ़वा के कचहरी से लेकर बस स्टैंड तक जगह-जगह पर सार्वजनिक मूत्रालयों (पब्लिक यूरिनल) के अधिष्ठापन की मांग की. उन्होंने कहा कि मूत्रालय जैसी व्यवस्था नेचुरल कॉल के चहत आती है, जो कि सीधा मानवाधिकारों से जुड़ा विषय है. अभी पूरे शहर में मुख्य मार्गों पर पब्लिक यूरिनल का अभाव है. इस संबंध में नगर परिषद को निर्देश दिया जाये.

स्टांप उपलब्धता सुनिश्चित हो : अधिवक्ताओं ने एसडीएम को जानकारी दी कि उनके सामने अक्सर कोर्ट स्टांप की कमी की विकट स्थिति आती रहती है. यह कमी प्रायोजित और जानबूझकर कालाबाजारी करने के उद्देश्य से छद्म रूप से दिखायी जाती है. इस पर एसडीएम के स्तर से छापेमारी की जाये ताकि स्टांप कमी की व्यावहारिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े. एसडीएम ने भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही स्टांर वेंडर्स के साथ बैठक कर इस समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगे.

जलापूर्ति की तरफ रहे विशेष ध्यान : अधिवक्ताओं ने कहा कि वे अधिवक्ता बाद में हैं, पहले गढ़वा के नागरिक हैं. उन्हें अगर गढ़वा की नागरिक सुविधाओं में से सबसे विकराल समस्या दिखायी दे रही है तो वह है जल आपूर्ति की समस्या. अधिवक्ता राम चरित्र चौधरी ने सुझाव दिया की इस संदर्भ में एसडीएम की अध्यक्षता में पेयजल विभाग एवं नगर परिषद, दोनों के साथ बैठक कर हल निकालने का प्रयास किया जाना चाहिए.

भू-माफियाओं पर हो त्वरित कार्रवाई : ज्यादातर अधिवक्ताओं ने एसडीएम को फीडबैक दिया कि गढ़वा में बड़ी तेजी से भूमाफियाओं का प्रभाव बढ़ रहा है. उन्हें प्रथम चरण में ही हतोत्साहित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है. इसमें अनुमंडल न्यायालय बड़ी भूमिका निभा सकता है. सभी अंचल कार्यालयों को सजग रखने के साथ-साथ भू-माफियाओं को नियमित दंडित करने की आवश्यकता है.

बार कार्यालय में पेयजल समस्या का जिक्र : कुछ अधिवक्ताओं ने कहा कि बार भवन में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की तरफ से पानी की टंकी लगायी गयी है. पर यह संचालित नहीं है. इसे चालू स्थिति में लाने की जरूरत है.

अधिवक्ताओं ने दिये सुझावअशोक तिवारी ने कहा कि दानरो नदी के कल्याणपुर पुल पर पोल लाइट न होने के कारण रात में अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है,.वहीं महेश श्रीवास्तव ने बताया कि मझिआंव रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के पास नाली के पाइप क्षतिग्रस्त हो गये हैं. कुछ अधिवक्ताओं ने कहा कि कोर्ट रूम और इजलास बनना चाहिए. रिकॉर्ड रूम से सत्य प्रतिलिपि (ट्रू-कॉपी) उसी दिन मिल जानी चाहिए वहीं सड़क किनारे वेल्डिंग स्टोर चलाने पर रोक लगाने जैसे विषय भी उठाये गये.

कार्यक्रम में ये थे मौजूदमौके पर अनुमंडल क्षेत्र के लगभग 100 अधिवक्ता मौजूद थे. इनमें से करीब 25 अधिवक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये. अधिवक्ता जितेंद्र सिंहा, निरंजन चौबे, मिथिलेश दुबे आदि ने एसडीएम की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब किसी एसडीएम ने अधिवक्ताओं से ऐसा अनौपचारिक संवाद किया हो. एसडीएम संजय कुमार ने भी सभी अधिवक्ताओं को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया.

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