गढ़वा. गढ़वा टाउन हॉल के प्रांगण में जिले में संचालित दाल-भात योजना के संचालक स्वयं सहायता समूहों की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता मेराल दाल-भात केंद्र की संचालिका बिंदा देवी ने की. इसमें सभी संचालकों ने कहा कि योजना संचालन में सरकारी संरक्षण में व्यापक गड़बड़ी एवं अनियमितता बरती जा रही है. इस वजह से यह योजना अपने मूल उद्देश्यों से भटक गयी है. उन्होंने कहा कि जिला आपूर्ति पदाधिकारी के निर्देश (पत्रांक 1131 दिनांक 16 12.2024) के अनुसार सभी दाल-भात केंद्रों को प्रति माह 12 से 18 क्विंटल चावल, 0.75 क्विंटल चना एवं 0.75 क्विंटल सोयाबीन की आपूर्ति करनी है. लेकिन इसके बदले मात्र दो क्विंटल चावल एवं तीन-चार महीना पर थोड़ा बहुत सोयाबीन व चना मिल रहा है. उन्होंने कहा कि करीब तीन सालों से जबसे ठेकेदारी प्रथा लागू हुई है, तब से इस योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है. उन्होंने कहा कि कटौती किये जाने की वजह से इस योजना का संचालन एवं लाभ प्रदान करना मुश्किल हो रहा है. कहा गया कि यह योजना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें मात्र पांच रु में गरीब भी पेट भर भोजन कर सकता है. अपराध अनुसंधान विभाग करें जांच : बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए इस महाघोटाले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग को सौंपने, नियमित राशन की आपूर्ति एवं केंद्र का संचालन कराने तथा संभव हो, तो इसे ठेका प्रथा से मुक्त करते हुए राशन की सीधी आपूर्ति गोदाम से करने, रसोईया बहनों का मानदेय एवं ग्रुप बीमा का लाभ सुनिश्चित करने की मांग शामिल है.
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