भवनाथपुर.
भवनाथपुर प्रखंड की जीवनरेखा कही जानेवाली रजदहवा नदी की स्तिति का अंदाजा नदी तट पर पहुंच कर लगाया जा सकता है. कुछ लोगों ने नदी का अतिक्रमण कर लिया है. नदी गंदगी, कचरा व प्लास्टिक से भरी हुई है. वहीं दूसरी ओर कुछ लोग घर का गंदा पानी भी नदी में बहा रहे हैं. अतिक्रमण के कारण रजदहवा नदी दिनों दिन सिकुड़ती जा रही है. ग्रामीणों का कहना है पहले नदी की चौड़ाई 50 से 60 फीट थी, वहां अब मात्र 25 से 30 फीट रह गयी है. यदि अतिक्रमण नही रुका, तो रजदहवा नदी का नाम मिट जायेगा. यही हाल प्रखंड अंतर्गत विभिन्न नदियों का है. उनका अतिक्रमण किया जा रहा है. इससे नदियों का स्वरूप बदलता जा रहा है. थाना के समीप नदी का अतिक्रमण कर उसमें कचरा, प्लास्टिक और गंदा पानी बहाया जा रहा है. प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए ढृढ़ इच्छाशक्ति के साथ-साथ शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, प्रबुद्धजन आगे नही आयेंगे, तो वह दिन दूर नही जब रजदहवा नदी सहित प्रखंड अंतर्गत विभिन्न नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. रजदहवा नदी को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए एक जन अभियान चलाने की जरूरत है. इस संबंध में अंचलाधिकारी शंभू राम ने कहा कि नदी का अतिक्रमण कर यदि घर मकान बनाये गये होंगे, तो नापी कर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है