भवनाथपुर. सेल के क्रशिंग प्लांट की नीलामी के बाद इसकी कटिंग के विरोध में जारी मजदूरों का आंदोलन कमजोर पड़ गया है. इसके बाद आंदोलनरत मजदूरों ने झामुमो नेताओं पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए खुद को धरना से अलग कर लिया और इंटक त्रिपाठी गुट के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार चौबे को अपना नेता स्वीकार किया है. दरअसल भवनाथपुर टाउनशिप स्थित सेल क्रशिंग प्लांट की नीलामी के बाद जब कटिंग का कार्य शुरू हुआ, तब मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. आंदोलन के दूसरे चरण में झामुमो जिला उपाध्यक्ष ललू राम के नेतृत्व में तुलसीदामर डोलोमाइट खदान के मजदूरों ने दो सूत्री मांगों को लेकर गत 27 फरवरी से धरना शुरू किया था. मजदूरों का कहना था कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक प्लांट कटिंग का कार्य नहीं होने दिया जायेगा. इस आंदोलन को झामुमो नेता ताहिर अंसारी का भी समर्थन प्राप्त था. लेकिन 26 दिन बाद भी कोई ठोस निर्णय न होने और प्लांट कटिंग व ट्रांसपोर्टिंग जारी रहने से मजदूरों का झामुमो नेतृत्व पर से भरोसा उठ गया. इसके बाद भवनाथपुर शिव मंदिर में मजदूरों की एक बैठक हुई, जिसमें उन्होंने झामुमो नेताओं पर छल करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन से खुद को अलग कर लिया और इंटक त्रिपाठी गुट जिलाध्यक्ष सुशील कुमार चौबे को अपना नया नेता घोषित कर दिया. हम कटिंग रोकने आये थे, कटवाने नहीं : मजदूर बैठक में रामाश्रय पाल, जहीम मियां, शहिम मियां, रहमान, असदुद्दीन अंसारी, जनत अंसारी, विमल राम, दिनेश राम, रमेश राम, भरोसा राम, गोपाल राम, विश्वनाथ पाल, भोला पाल, राजेंद्र पाल, नरेश साह व अवधेश यादव सहित 200 से अधिक मजदूरों ने भाग लिया. इन्होंने कहा कि हमारी मांगों को लेकर प्रशासनिक भवन के समक्ष धरने पर बैठाया गया था, लेकिन 26 दिन बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. उल्टा, झामुमो के वरिष्ठ नेताओं के कहने पर प्लांट कटिंग और ट्रांसपोर्टिंग धड़ल्ले से जारी है. ऐसी स्थिति में धरने पर बैठने का कोई औचित्य नहीं है. हम कटिंग रोकने आये थे, लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा है. झामुमो नेता ललू राम की सफाई जब झामुमो नेता ललू राम से इस आरोप पर प्रतिक्रिया मांगी गयी, तो उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाले लगाते रहें, हम अपना काम कर रहे हैं. मजदूरों के बीच दो गुट बन गये हैं, इसलिए इस तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं. हालांकि, प्लांट कटिंग और ट्रांसपोर्टिंग जारी रहने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली. मजदूरों के हित में कदम उठायेंगे : सुशील चौबे इधर सुशील कुमार चौबे ने मजदूरों का समर्थन व उनका नेता बनना स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी मांगों को लेकर जल्द ही बैठक कर निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मजदूरों के हित में उचित कदम उठाये जायेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है