सीएनटी एक्ट 1908 नाई जाति मुक्ति संघर्ष समिति की बैठक
सीएनटी एक्ट 1908 नाई जाति मुक्ति संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों की बैठक रविवार को जामतारा पंचायत सचिवालय के सभागार में डीलोचंद ठाकुर की अध्यक्षता में हुई. कहा गया कि झारखंड राज्य के 18 जिले धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, पलामू, लातेहार, गढ़वा, रांची, सरायकेला, खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, लोहरदगा, सिमडेगा व गुमला जिले में नाई जाति की जमीन पर सीएनटी एक्ट लागू किया गया है. इस अधिनियम से आच्छादित हो जाने के कारण नाई हजाम जाति अपने खतियानी व क्रय की गयी सीएनटी मुक्त भूमि पर भी गैर कृषि कार्य जैसे उद्योग, स्कूल, कॉलेज एवं अन्य व्यवसायिक कार्य करने में असमर्थ हैं. सरकारी बैंकों द्वारा ऐसी जमीन के एवज में गृह ऋण व शिक्षा ऋण नहीं दिया जाता है. इस कारण बीमारी का इलाज, बेटी की शादी, गृह निर्माण, बच्चों की शिक्षा जैसे आवश्यक कार्य पड़ने पर अपनी जमीन को औने पौने दाम पर स्वजातियों के पास ही बेचनी पड़ती है. इससे भूमि का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. वहीं नाई हजाम जाति क्रय की गयी भूमि व पूर्वजों से प्राप्त खतियानी जमीन को किसी भी संस्थान या रिश्तेदार को कानूनी रूप से दान या स्थानांतरित नहीं कर सकते हैं. कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 182 जातियां सूचिबद्ध हैं, लेकिन सीएनटी एक्ट से 51 जातियों को ही आच्छादित किया गया है. उपस्थित सदस्यों ने नाई हजाम जाति को सीएनटी एक्ट से पूर्णतः मुक्त करने की मांग सरकार से की है.मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री को पत्र भेजने का निर्णय
सदस्यों ने अपनी मांगों को ले मुख्यमंत्री व भू-राजस्व मंत्री को मांग पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया. बैठक में प्रो शंकर ठाकुर, सागर शर्मा, मनोज शर्मा, बिनोद ठाकुर, पवन ठाकुर, संजय ठाकुर, सागर कुमार, गोविंद कुमार, रोहित कुमार, राज कुमार, अनुप ठाकुर, चंद्रिका शर्मा, अवि शर्मा, विजय ठाकुर, आरव कुमार, हीरो कुमार, पियूष शर्मा, जगरनाथ ठाकुर, लीलो ठाकुर आदि लोग उपस्थित थे.
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