कर्मचारियों ने कहा कि झारखंड की तरह पूरे देश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू होनी चाहिए. पुरानी पेंशन व्यवस्था का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता. केंद्र सरकार नयीनयी पेंशन योजनाओं से कर्मचारियों को केवल भ्रमित करने का प्रयास कर रही है. प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा राज्य के कुछ उच्च पदस्थ पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ की भांति झारखंड में भी यूपीएस लागू करने का प्रयास किया जा रहा है. यह एक तरह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कर्मचारी हितैषी छवि धूमिल करने का प्रयास है. वहीं, दूसरी ओर सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने की साजिश भी है. ऐसी किसी भी साजिश को सफल होने नहीं दिया जायेगा.
अलग-अलग पेंशन योजना में कर्मियों को रखने को बताया अन्यायपूर्ण
एक कार्यालय में एक ही पद पर कार्यरत अलग-अलग कर्मचारी को अलग-अलग पेंशन योजना में रखा जाना न्यायोचित नहीं है. यह भविष्य में कर्मचारियों के कार्य दक्षता को भी प्रभावित करेगा. प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद व प्रांतीय महासचिव उज्जवल कुमार तिवारी ने कहा कि यूपीएस पूंजीपतियों के हित में लायी गयी योजना है. इसमें ना तो कर्मचारी हित है और ना ही राज्यहित. मौके पर झारोटेफ के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, संगठन सचिव इम्तियाज अहमद, प्रखण्ड सचिव राज नारायण वर्मा आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है