पोस्टमार्टम के बाद उनका शव मंगलवार को गांव में लाया गया. इस दौरान अंतिम दर्शन के लिए झामुमो नेता डॉ सुशील कुमार सरकार, मंसूर खान, तीरथ शर्मा, बिहारी यादव, बीरेंद्र यादव सहित अन्य लोग उनके घर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी. बताया कि ठाकुर सिंह झामुमो के संस्थापक सदस्य के साथ साथ चिह्नित झारखंड आंदोलनकारी भी थे. संगठन का बेंगाबाद में विस्तार करने में पूर्व विधायक सलखन सोरेन के साथ मिलकर उन्होंने मुख्य भूमिका निभायी थी. पिछले कुछ दिनों से वे बीमार थे.
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण नहीं करा सके बेहतर इलाज
झारखंड आंदोलनकारी ठाकुर सिंह के भतीजे सह झामुमो नेता अशोक सिंह ने बताया कि परिजनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं हो पायी. उनका ईलाज सदर अस्पताल में चल रहा था. इधर रविवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. सदर अस्पताल में सोमवार की शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया. इधर संगठन की ओर से संस्थापक सदस्य की सुध नहीं लेने पर परिजनों ने नाराजगी जाहिर की है.
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