व्यवहार न्यायालय परिसर में वर्कशॉप का आयोजन
व्यवहार न्यायालय में रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह ने पोक्सो एक्ट व मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों के लिए वर्कशॉप का आयोजन व्यवहार न्यायालय परिसर में किया. शुरुआत प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष मार्तंड प्रताप मिश्रा, कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश धनंजय कुमार, जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज कुमार झा, डीसी सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के उपाध्यक्ष रामनिवास यादव, एसपी डॉ विमल कुमार व जिला अधिवक्ता संघ के सचिव चुन्नूकांत ने दीप जलाकर किया. प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश ने कहा कि पोक्सो एक्ट व मोटर वाहन दुर्घटनावाद में सर्वोच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण निर्देश सभी स्टेकहोल्डर को दिया है. निर्देशों का अनुपालन विभिन्न स्तरों पर किये जाने से पॉक्सो एक्ट व मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित पीड़ितों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराया जा सकता है. डीसी ने कहा कि वर्कशॉप सभी स्टेकहोल्डर के जैसे पुलिस अधिकारियों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. उन्होंने वर्कशॉप के तकनीकी सत्र में न्यायिक पदाधिकारियों व रिसोर्स पर्सन के द्वारा बताये जा रहे निर्देशों का अनुपालन पोक्सो एक्ट एवं मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों में करें, ताकि इन मामलों के पीड़ितों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान किया जा सके. एसपी डॉ विमल कुमार ने मोटर वाहन दुर्घटना वाद तथा पोक्सो मामलो में पुलिस पदाधिकारियों, डॉक्टर की संवेदनशीलता व उनके कर्तव्यों के बारे में उन्हें जागरूक किया. जिला अधिवक्ता संघ के सचिव चुन्नूकांत ने वर्कशॉप के लिए प्रधान जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधियों को इस वर्कशॉप में मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित प्रावधानों को बारीकी पूर्वक समझने का सुझाव दिया.न्यायिक व पुलिस अधिकारियों और बीमा कंपनी की भूमिका पर चर्चा
तकनीकी सत्र में जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवम राजेश कुमार बग्गा व चतुर्थ हरिओम कुमार ने मोटर वाहन दुर्घटना वाद के विभिन्न प्रावधानों के विस्तार से बताया. कहा कि इसमें न्यायिक व पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका, बीमा कंपनियों की भूमिका समेत अन्य विषयों पर प्रतिभागियों को जानकारी जी. डीएसपी मो कौशर अली ने हिट एंड रन केस में परिवहन विभाग के माध्यम से मिलने वाले मुआवजा तथा वाद के अनुसंधान की प्रक्रियाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बतलाया. जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दसम विशाल कुमार तथा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रीमा कुमारी ने प्रतिभागियों को पोक्सो के मामलों में अधिकारियों की भूमिका, पीड़ित के प्रति संवेदनशील बर्ताव आदि की जानकारी दी. संचालन न्यायिक दंडाधिकारी स्मृति त्रिपाठी ने किया. आयोजन में न्यायिक व कार्यपालक पदाधिकारी, पुलिस अधिकारी, गिरिडीह न्याय मंडल के सभी मध्यस्थ, लोक अभियोजक, लीगल एंड डिफेंस काउंसिल अधिवक्ता, जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य सहित न्यायालय के कर्मचारियों की भूमिका रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है