सरस्वती शिशु मंदिर में वन नेशन-वन इलेक्शन विषय पर संगोष्ठी का आयोजनसरस्वती शिशु विद्या मंदिर गिरिडीह में गुरुवार को वन नेशन, वन इलेक्शन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे ने की. मुख्य अतिथि केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी उपस्थित थीं. उन्होंने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को सशक्त बनाने के लिए एक राष्ट्र-एक चुनाव की अवधारणा पर अपना विचार साझा किया. केंद्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव वर्तमान समय की मांग है. इसकी अवधारणा की संभावना का पता लगाने के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया. देश में 1952 से 1967 तक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते थे. लेकिन, इसके बाद यह चक्र टूट गया और भारी सरकारी व्यय होने लगे. कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से राजनीतिक कार्यकर्ताओं, सरकारी अधिकारियों और सुरक्षा बलों का समय और ऊर्जा बचेगी.
सरकारी खजाने पर बोझ होगा कम
सरकारी खजाने पर वित्तीय बोझ कम होगा और विकास की पटरी गतिमान होगी. प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना विकसित भारत के सपनों को साकार करना हम सब का कर्तव्य है. बगोदर विधायक नागेंद्र महतो, पूर्व विधायक प्रो जयप्रकाश वर्मा सहित कई अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये. मौके पर भाजपा के प्रदेश मंत्री दिलीप वर्मा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चुन्नूकांत, कार्यक्रम के जिला संयोजक विनय कुमार सिंह, जिला महामंत्री संदीप डंगेच, नवीन सिन्हा, श्याम प्रसाद, जिप अध्यक्ष मुनिया देवी, शालिनी बैसखियार, दिनेश प्रसाद यादव, मुकेश जालान, प्रकाश सेठ, संतोष गुप्ता, मुकेश साह, रालोजपा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार राज, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य आनंद कमल, सरिता कुमारी, नलिन कुमार, राजेंद्र लाल बरनवाल, प्रदीप कुमार सिन्हा, वैष्णवी, अनुष्का सिंह, भव्य, रेयांश आदि मौजूद थे.
अलग-अलग चुनाव से प्रभावित होता है विकास काम : विनय सिंह
एक राष्ट्र एक चुनाव कार्यक्रम के जिला संयोजक विनय कुमार सिंह ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव काफी जरूरी हो गया है. लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं होने से आदर्श आचार संहिता बार-बार लागू होने के कारण प्रशासनिक व्यवधान होता है. विकास परियोजनाओं पर रोक लग जाती है, जिसके कारण कल्याणकारी योजनाओं के विकास कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. कहा कि एक चुनाव से देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया सशक्त होदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में सहायक होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है