गिरिडीह-डुमरी मार्ग के किनारे प्रस्तावित है कोर्ट भवन और महिला कॉलेज के नये भवन व चाहरदिवारी का निर्माणसीसीएल गिरिडीह कोलियरी क्षेत्र में अवैध खनन के कारण बारिश में लगातार भू-धंसान की घटना हो रही है. कभी बनियाडीह-कबरीबाद सड़क भू-धंसान की जद में आ रहा है, तो कभी गिरिडीह-डुमरी मार्ग एनएच 114 ए में गोफ बन रहा है. इन घटनाओं के कारण आमलोगों में भय का माहौल है. अहम बात यह है कि गिरिडीह-डुमरी मार्ग पर जहां गोफ बना है, उससे चंद दूरी पर 41 कोर्ट भवन व श्री आरके महिला कॉलेज के का नया भवन व चहारदीवारी निर्माण स्थल चिह्नित है. जिस तरह से गिरिडीह-डुमरी मार्ग के अगल-बगल भू-धंसान की घटनाएं हो रही हैं, उससे दोनों प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन पर खतरा मंडराने लगा है.
योगीटांड़ में है सीसीएल की खाली जमीन
गिरिडीह-डुमरी सड़क के किनारे सीसीएल की खाली जमीन पड़ी है. यह जमीन योगीटांड़ मौजा के अंतर्गत आती है. सड़क के एक तरफ खाली जमीन पर प्रस्तावित 41 कोर्ट भवन निर्माण के लिए जमीन चिह्नित की गयी है. वहीं, दूसरी ओर श्री आरके महिला कॉलेज के नये भवन व चहारदीवारी निर्माण के लिए जमीन चिह्नित है. दोनों ही प्रोजेक्ट को लेकर स्थल पर बोर्ड लगाया गया है. महिला कॉलेज की चहारदीवारी निर्माण का शिलान्यास भी किया जा चुका है. हालांकि, अभी कार्य शुरू नहीं हुआ है. जिस स्थल पर चहारदीवारी निर्माण कराना है, वहां कई पेड़-पौधे लगे हुए हैं. इस बीच कोयला के अवैध खनन के कारण गिरिडीह-डुमरी मार्ग के किनारे बन रहे गोफ बनने से दोनों योजनाओं पर सवाल खड़ा हो गया है.
अंडरग्राउंड माइंस थी संचालित
जहां गोफ बना है, वहां वर्षों से अवैध खनन हो रहा है. ऐसे में जमीन कहां तक खोखली हो गयी है, यह पता नहीं चल रहा है. अब लोग विशेषज्ञ टीम से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक वर्षों पूर्व गिरिडीह कोलियरी क्षेत्र में अंडरग्राउंड माइंस भी संचालित थी. यहां से वैज्ञानिक तरीके से होता था. लेकिन, कोयला का अवैध खनन में सुरक्षा मापदंडों का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है. कोयला तस्कर अधिक कमाई के लालच में जहां-तहां से कोयले की कटाई कर लेते हैं. भरायी भी नहीं होती है. इसके कारण बारिश होने पर गोफ बन रहा है. इससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंच रहा है. इससे जिला प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन की चिंता बढ़ गयी है.
डोजरिंग करने के बाद फिर बन जाता है गोफ
गिरिडीह-डुमरी मार्ग में पिछले छह-सात वर्षों से गोफ बनने की घटना हो रही है. गोफ बनने के बाद सीसीएल डोजरिंग करवाती है, लेकिन बारिश में फिर से गोफ बन जाता है. हाल के दिनों में गोफ बनने की यह तीसरी घटना है. हर बार जेसीबी से गोफ भरा जाता है, लेकिन जमीन अंदर से खोखली होने के कारण बारिश में मिट्टी धंस जाती है और गोफ बन जाता है. सूत्रों की मानें तो डेढ़ दशक पूर्व यहां से कोयला माफिया सुरंग बनाकर अवैध कोयले की निकासी करवाते थे. रात के अंधेरे में कोयला खनन करवाया जाता था. भू-धंसान की घटना होने पर कुछ दिनों के लिए इसे बंद कर दिया गया था. बाद में पुन: इसे चालू कर दिया जाता था. स्थानीय ग्रामीणों ने भी कोयला माफियाओं का विरोध किया था, तब से यहां अवैध खनन बंद है.
अवैध खनन के कारण हो रहा है भू-धंसान : पीओ
गिरिडीह कोलियरी के पीओ जीएस मीणा कहते हैं कि वर्षों पूर्व हुए अवैध खनन के कारण भू-धंसान की घटना हो रही है. अवैध खनन के कारण जमीन के अंदर खोखला हो गया है. इस वजह से बारिश में मिट्टी धंसने की घटना होती है. कहा कि सीसीएल प्रबंधन जिला व पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर डोजरिंग अभियान चलाता है. सुरक्षा के लिए हर ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. कहा कि किसी तरह के निर्माण से पहले भूगर्भ वैज्ञानिकों से जांच जरूरी है.
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