शुक्रवार को पपरवाटांड़ स्थित उत्पाद विभाग कार्यालय में विभाग के वरीय अधिकारियों ने आगामी प्रक्रिया और नीतिगत दिशा-निर्देशों की जानकारी दी. उत्पाद अधीक्षक महेंद्र देव सिंह, निरीक्षक रवि रंजन और कुमार महेंद्र सहित ने बताया कि आने वाले तीन दिनों में जिले भर की शराब दुकानों के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरु होगी. यह भी स्पष्ट किया कि इस बार प्राथमिकता स्थानीय निवासियों को दी जाएगी, ताकि बाहरी लोगों की भागीदारी पर नियंत्रण रखा जा सके. इसके लिए विशेष निगरानी तंत्र विकसित किया गया है.
100 दुकानों के लिए बनाये जायेंगे 45 समूह
बताया गया कि गिरिडीह जिले में कुल 100 शराब दुकानों के लिए 45 समूह बनाये गये हैं, इसमें प्रत्येक समूह में दो दुकानें शामिल होंगी. इनमें सात देशी शराब दुकानें और 93 कम्पोजिट शराब दुकानें हैं. विभाग ने इस बार एक समूह की औसतन 4 करोड़ रुपये की अनुमानित मूल्य निर्धारित की है. उत्पाद अधिकारियों ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग ने 104 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था. वहीं, इस वर्ष 109 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक चार माह में ही महत्वपूर्ण वसूली हो चुकी है. अधिकारियों का कहना है कि नई उत्पाद नीति के कारण लक्ष्य प्राप्त करने में और अधिक सुविधा होगी.
दुकानदारों को मिलेगा 12 प्रतिशत तक का कमीशन
नई नीति के अनुसार दुकानदारों को 12 फीसदी तक का कमीशन मिलेगा, जो पहले की तुलना में अधिक आकर्षक है. हालांकि यदि कोई संचालक निर्धारित बिक्री लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता है तो 5 फीसदी जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है. उत्पाद विभाग की इस नयी पहल से न सिर्फ राजस्व बढ़ाने में सहायता मिलेगी, बल्कि इससे नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी सुनिश्चित हो सकेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है