झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन 15 नंवबर वर्ष 2000 को जब झारखंड अलग हुआ, तो सबसे ज्यादा खुश थे. दिल्ली प्रवास के क्रम में उन्होंने झारखंड -बिहार के प्रवासी मजदूरों से मिलकर खुशी का इजहार किया था. इस दौरान गांडेय विधानसभा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक प्रवासी मजदूर गुरुजी से मिलने पहुंचे थे.
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