शिबू सोरेन के निधन से पूरे झारखंड के साथ साथ आदिवासी समाज में शोक की लहर है. प्रखंड के तीनपतली में आदिवासी समाज के लोगों ने मांझी बाबा श्री शुकरा मुर्मू की अध्यक्षता में शोकसभा की, उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. पूर्व जिप सदस्य हीरालाल मुर्मू ने गुरुजी ने निधन को पूरे झारखंड के लिए अपूर्णीय क्षति बताया. कहा कि तीनपतली गांव का आदिवासियों के धनकटनी आंदोलन और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ गहरा लगाव था. इसी कारण यहां के लोग आज काफी मर्माहत हैं. इसी तीनपतली गांव में आदिवासियों को महाजनी प्रथा से मुक्ति व आदिवासियों के गरीबी, अशिक्षा नशाखोरी से मुक्ति के लिए उन्होंने सामाजिक आंदोलन चलाया था. इसी का परिणाम है कि आज आदिवासी समाज काफी जागरूक हुआ. मौके पर परगनैत पिड़ बैसी रमेश मुर्मू, परगनैत जीतलाल मरांडी व प्रदीप मुर्मू, गांव के पराणिक सुरेश मुर्मू, जोगमांझी के साथ साथ काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे. इधर, केराडाबर गांव के आम पेड़ के नीचे मांझी बाबा ईश्वर मुर्मू की अगुवाई में शोकसभा कर संवेदना व्यक्त की गयी. संवाददाता-समशुल अंसारी.
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