बगोदर प्रखंड के दोंदलो में किसान परिवार ने ने यूपी के परिवार से बिछड़कर दोंदलो गांव पहुंचे एक व्यक्ति को सात साल तक रखा. शनिवार को बिछड़े व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाया भी. इस कार्य में दोंदलो मुखिया तुलसी महतो का महत्वपूर्ण योगदान रहा सहयोग से मिलाया गया. सात साल पहले यूपी के उदपुर घाटमपुर थाना बदलापुर जिला जौनपुर से सुनील कुमार (42) भटकर दोंदलो पहुंच गया था. वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था. शुरुआत में वह अपना नाम और अन्य जानकारी देने की स्थिति में नहीं था. इसके बाद दोंदलो गांव के सरयू साव ने उसे अपने घर आश्रय दिया.
यूपी से आये शिक्षक ने निभायी अहम भूमिका
सरयू ने बताया कि सात साल पहले सुबह के दस बजे शिव मंदिर के पास एक अज्ञात युवक को चोर बताकर मारपीट किया जा रहा था. उसकी नजर पड़ी, तो लोगों को समझाकर उसे छुड़ाया और इलाज कराया. वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था. इसके बाद उसे अपने घर ले गया और खाना-पीना दिया. मानसिक रूप से बीमार रहने के कारण उसका इलाज करवाया. इसके बाद युवक की तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, लेकिन उसे लेने कोई नहीं पहुंचा. धीरे-धीरे युवक सरयू के परिवार से घुल-मिल गया. हाल के दिनों से दोंदलो में यूपी के एक शिक्षक आये. उन्होंने युवक से जानकारी प्राप्त कर गांव के प्रधान से संपर्क किया. प्रधान ने उसके भाईयों से संपर्क करवाया. जानकारी मिलते ही यूपी से सुनील के चाचा छोटेलाल वर्मा, राज वर्मा, आशीष कुमार समेत अन्य दोंदलो पहुंचे. उन्होंने सुनील की पहचान की. परिवार के सदस्य मिलने पर सुनील भी काफी खुश था. इसके बाद उसके चाचा व अन्य उसे अपने साथ ले गये. सुनील के परिवार के सदस्यों से सरयू राय के परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया. कहा कि इस परिवार की जितनी भी तारीफ की जाये कम है. मुखिया तुलसी महतो ने बताया कि लगातार हमलोग सोशल मीडिया में युवक पहचान को लेकर प्रयासरत थे. गांव के सरयू साव ने युवक का सात साल तक एक बच्चे की पालन पोषण भी किया, जो काबिले तारीफ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है