राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन नयी एजेंसी द्वारा संभाले जाने के बाद से लगातार विवादों का दौर जारी है. बुधवार को कर्मचारियों को हटाए जाने के विरोध में गोड्डा जिले भर के 108 एंबुलेंस संचालक व कर्मी एकजुट होकर सड़कों पर उतर आये और जमकर हंगामा किया. कर्मचारियों ने न केवल अपने ही इंचार्ज के खिलाफ बल्कि स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ भी नारेबाजी की. विरोध स्वरूप कर्मियों ने काम छोड़कर हड़ताल कर दी है, जिससे जिले में 108 एंबुलेंस सेवाएं लगभग ठप हो गयी हैं. हड़ताली कर्मियों ने आरोप लगाया है कि संचालक राजकिशोर सिंह की मनमानी से वे बर्दाश्त से बाहर हो गये हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य से आधे दर्जन युवकों को भर्ती किया गया है, जबकि लंबे समय से सेवा दे रहे स्थानीय कर्मियों को बिना किसी कारण हटाया जा रहा है. हटाये गये कर्मी अमित कुमार ने बताया कि सम्मान फाउंडेशन के अधीन सेवा संचालन के बाद से ही मनमानी बढ़ी है, जिसका विरोध होना स्वाभाविक है. कर्मचारियों ने मांग किया है कि हटाये गये कर्मचारियों को तुरंत पुनः काम पर लिया जाये, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा. इस हड़ताल से जिले में 108 एंबुलेंस सेवा प्रभावित हुई है और निजी संचालकों की मनमानी को बढ़ावा मिला है. इस विवाद के चलते दो दर्जन से अधिक कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
गोड्डा जिले में घटकर 12 रह गयी 108 एंबुलेंस, कई वाहन खराब पड़े
गोड्डा जिले में 108 एंबुलेंस की संख्या पहले जहां 21-22 थी, वह अब घटकर मात्र 12 रह गयी है. कई वाहन खराब होने के कारण सेवा में बाधा उत्पन्न हो रही है, जबकि खराब वाहनों की मरम्मत के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. साथ ही, अधिकांश कार्यरत वाहनों के चालक और कर्मी हड़ताल पर चले गये हैं, जिससे आपातकालीन सेवाओं में भारी समस्या उत्पन्न हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे हालात में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया है. प्रशासनिक स्तर पर तत्काल सुधार और मरम्मत कार्य शुरू करने की मांग उठ रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है