लगातार हो रही बारिश से पथरगामा प्रखंड के किसानों की समस्याएं गंभीर होती जा रही हैं. माल निस्तारा बहियार और दाढ़ीघाट क्षेत्र के किसानों की धान, मूंग और कलाई की फसलें जलजमाव के कारण नष्ट होने लगी हैं. इसी को लेकर रविवार को किसानों ने फोरलेन सड़क को कुछ देर के लिए जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि फोरलेन सड़क निर्माण के बाद बारिश का पानी अब नहर के रास्ते बाहर नहीं निकल पाता, जिससे यह आसपास के खेतों में जमा हो रहा है और लगातार फसल की बर्बादी हो रही है. प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि उन्होंने गांधीग्राम स्थित डीबीएल कंपनी के कार्यालय में तीन बार आवेदन देकर पानी निकासी की मांग की, लेकिन कोई पहल नहीं की गयी. लगभग 500 एकड़ में फसल प्रभावित हो चुकी है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि स्थायी समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.
अस्थायी समाधान का आश्वासन मिलने पर जाम समाप्त
मौके पर पहुंची डीबीएल कंपनी की टीम ने किसानों को आश्वस्त किया कि फिलहाल बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है और बारिश समाप्त होने के बाद स्थायी नाली निर्माण कर समस्या का स्थायी हल निकाला जाएगा. इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम समाप्त कर दिया. इससे पहले शनिवार की देर शाम मांछीटांड़ पंचायत अंतर्गत दाढ़ीघाट में भी ग्रामीणों ने फोरलेन सड़क को जाम किया था. ग्रामीणों का कहना है कि डीबीएल कंपनी ने सड़क निर्माण के दौरान गांव की पुरानी पुलिया को मिट्टी से ढंक दिया, जिससे बारिश का पानी गांव में भर गया. इस पुलिया के जरिए सारा वर्षा जल सुंदर नदी में चला जाता था, जो अब पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है. जाम की सूचना पर पथरगामा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर लगभग डेढ़ घंटे बाद जाम हटवाया. ग्रामीण किसानों ने प्रशासन और निर्माण एजेंसी से स्पष्ट मांग की है कि स्थायी नाली निर्माण कर बारिश के पानी की सुचारु निकासी सुनिश्चित की जाये ताकि फसलें जलजमाव से बर्बाद न हों और उनकी आजीविका सुरक्षित रह सके.
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