राजमहल कोल परियोजना क्षेत्र का निरीक्षण उपायुक्त अंजली यादव के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने किया. निरीक्षण की शुरुआत कद्दू टोला डुमरिया में बन रहे पुनर्वास स्थल से हुई, जहां डीसी ने नवनिर्मित भवन, प्राथमिक विद्यालय, सामुदायिक भवन और डिस्पेंसरी का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने भवनों की घटिया गुणवत्ता पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य पर भारी राशि खर्च की जा रही है, फिर भी भवनों में दरार आना चिंता का विषय है. डीसी ने निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए और आवश्यक सुधार तत्काल किये जायें. उन्होंने बताया कि पुनर्वास स्थल को मॉडल पुनर्वास स्थल के रूप में विकसित करने हेतु बीआइटी मेसरा के विशेषज्ञों द्वारा नक्शा तैयार किया गया है, जिसमें विवाह भवन, खेल मैदान, तालाब, पूजा स्थल, स्कूल, आंगनवाड़ी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और पार्क जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं. यह स्थल 170 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहा है, जहां तालझारी, पहाड़पुर, बसडीहा व भरेंदा गांवों के लगभग 500 परिवारों को पुनर्वासित किया जाना है. डीसी ने परियोजना प्रबंधन को निर्देश दिया कि सभी कार्य नक्शा के अनुरूप एवं गुणवत्ता के साथ पूरे किए जायें. साथ ही सीएसआर फंड से पीने के पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये. निरीक्षण के पश्चात राजमहल हाउस में डीसी ने परियोजना अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की और प्रभावित ग्रामीणों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. इस अवसर पर एसपी मुकेश कुमार, एसी प्रेमलता मुर्मू, डीएफओ पवन शालिग्राम, महागामा एसडीओ आलोक वरुण केसरी सहित कई अधिकारी एवं परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थे. परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी एएन नायक ने उपायुक्त को पौधा भेंट कर सम्मानित किया.
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