महागामा प्रखंड क्षेत्र में 10 से 25 अगस्त तक चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (आईडीए कार्यक्रम) को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महागामा में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें एमपीडब्ल्यू, एएनएम और सुपरवाइजरों को आईडीए दवा वितरण एवं निगरानी से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक अमरेन्द्र झा ने बताया कि अभियान के पहले दिन दवा वितरण बूथ पर लोगों को फाइलेरिया की दवा दी जाएगी, जबकि अगले दिन से घर-घर जाकर दवा खिलायी जाएगी. यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अति गंभीर रोगियों और अत्यधिक वृद्ध व्यक्तियों को छोड़कर सभी को खिलानी है. प्रशिक्षक शाहीन परवेज ने बताया कि यह दवा साल में केवल एक बार खानी होती है और यदि लगातार पांच वर्षों तक यह दवा ली जाये, तो फाइलेरिया से स्थायी सुरक्षा मिल सकती है. जन समुदाय के बड़े स्तर पर यदि दवा सेवन सुनिश्चित हो जाये, तो फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है. वहीं प्रशिक्षक बृजनयन कुमार ने फाइलेरिया को लाइलाज बीमारी बताते हुए कहा कि इसका केवल बचाव ही एकमात्र उपाय है. उन्होंने बताया कि बीमारी के लक्षणों में हाथ-पैर में सूजन, हाइड्रोसिल और महिलाओं में स्तन वृद्धि शामिल हैं. बीपीएम देवेंद्र पंडित ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत तीन प्रकार की दवाएं लोगों को उनके आयु और ऊंचाई के आधार पर दी जाएगी. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से अभियान को सफल बनाने के लिए सतर्कता और जिम्मेदारी से कार्य करने की अपील की. प्रशिक्षण में अमरेन्द्र झा, बृजनयन कुमार, शाहीन परवेज, मुकेश कुमार, नौसहर आलम, गुलाम मुर्तजा, अब्दुल हक सहित कई स्वास्थ्यकर्मी एवं एएनएम उपस्थित रहे.
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