राज्य सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. गोड्डा जिले में इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत सोमवार से की जाएगी. कार्यक्रम के तहत प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों की बुनियादी साक्षरता और गणितीय ज्ञान के स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा. सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी अजय कुमार ने जानकारी दिया कि मूल्यांकन कार्य 13 अगस्त तक चलेगा, जिसमें पहले चरण में जिले के चयनित 34 विद्यालयों के कक्षा 2 और 3 के छात्रों तथा विद्यालयों का समग्र आकलन किया जाएगा. बच्चों का मूल्यांकन बाहरी एजेंसी एवं विद्यालय के शिक्षकों द्वारा किया जाएगा. राज्य स्तरीय प्रशिक्षक रितेश रंजन ने बताया कि कार्यक्रम के दो प्रमुख घटक हैं, मेरा विद्यालय निपुण और मैं भी निपुण. विद्यालयों का आकलन 13 संकेतकों के आधार पर किया जाएगा, जिनमें से 10 संकेतक विद्यालय से संबंधित और 3 संकेतक विद्यार्थियों की अधिगम क्षमता से जुड़े होंगे. इन संकेतकों में शिक्षण-सामग्री की उपलब्धता, कक्षा संचालन की गुणवत्ता, बाल साहित्य का उपयोग, शिक्षकों की जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी जैसे बिंदु शामिल हैं. प्रशिक्षक ने बताया कि मूल्यांकन में 60% अंक विद्यालय के प्रदर्शन तथा 40% अंक बच्चों के अधिगम स्तर के आधार पर दिये जाएंगे. जो विद्यालय 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त करेंगे उन्हें निपुण विद्यालय का दर्जा दिया जाएगा. साथ ही ऐसे विद्यालयों को स्वर्ण, रजत या कांस्य श्रेणी का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा. मैं भी निपुण श्रेणी के तहत कक्षा 2 और 3 के छात्रों का हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषयों में मूल्यांकन किया जाएगा. प्रत्येक विषय में 75% अंक या उससे अधिक प्राप्त करने वाले बच्चों को मैं भी निपुण का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. इस अवसर पर आयोजित बैठक में प्रशिक्षक मुरारी प्रसाद शर्मा, निलेश कुमार, सनातन कुमार दास एवं संपर्क फाउंडेशन से संतोष तिवारी उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है