महागामा प्रखंड स्थित मॉडल पशु चिकित्सालय का हाल बद से बदतर होता जा रहा है. यह अस्पताल वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यहां पेयजल एवं शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मवेशियों का इलाज कराने आने वाले पशुपालकों और कार्यालय कर्मियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. बरसात के मौसम में अस्पताल भवन की छत से पानी टपकता है, जिससे स्टोर रूम में रखी दवाइयों के खराब होने का खतरा हमेशा बना रहता है. स्थिति यह है कि दवाओं को प्लास्टिक शीट से ढककर सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु इसके बावजूद दवा की गुणवत्ता पर असर पड़ने की आशंका बनी रहती है. चिकित्सालय में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी का पदभार अस्थायी रूप से चल रहा है. फिलहाल डॉ. संजय कुमार दुबे भ्रमणशील पशुपालन पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. इसके अलावा एक नाइट गार्ड, प्यून एवं पशु सहायक की तैनाती है, लेकिन मूलभूत ढांचे की कमी के कारण कार्य संचालन प्रभावित हो रहा है.
चहारदीवारी का भी अभाव, सुरक्षा व्यवस्था असंतोषजनक
चिकित्सालय परिसर में चहारदीवारी का अभाव है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं. जानवरों और बाहरी तत्वों की बेरोकटोक आवाजाही से अस्पताल परिसर में अव्यवस्था बनी रहती है. स्थानीय पशुपालकों ने जल्द से जल्द अस्पताल परिसर में पेयजल टंकी, शौचालय एवं चहारदीवारी के निर्माण की मांग की है, ताकि इलाज कराने आने वाले पशुओं और पशुपालकों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है