जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत हनवारा क्षेत्र में इस वर्ष कम वर्षापात के कारण किसान काफी चिंतित हैं. आधा सावन बीत जाने के बाद भी क्षेत्र में अपेक्षित वर्षा नहीं हुई है, जिससे धान की रोपनी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. ऐसे में अब किसान वर्षा का इंतजार छोड़कर पंपसेट के सहारे खेतों में पानी भरकर रोपनी में जुट गये हैं. वे किसान जिनके पास सिंचाई की सुविधा है, उन्होंने खेतों में पानी पटाकर धान रोपनी प्रारंभ कर दी है. हनवारा क्षेत्र के कई गांवों में किसान वैकल्पिक उपाय अपनाते हुए कृषि कार्य में लगे हुए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कम बारिश के बावजूद खेती कार्य नहीं रुका है और सीमित संसाधनों के बल पर प्रयास जारी है. कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो-चार दिनों में अच्छी वर्षा की संभावना है. ऐसे में किसानों को अपने खेतों की तैयारी में जुट जाना चाहिए. खेतों में बेहतर मेड़बंदी कर जल संचय की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वर्षा का पानी ठहर सके और फसलों को पर्याप्त नमी मिल सके. जिन किसानों का बिचड़ा 40 दिन से अधिक का हो चुका है और जिनके पास बिचड़े की पर्याप्त मात्रा है, वे अब धान की सीधी बुआई की दिशा में भी प्रयासरत हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सीधी बुआई से भी अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है, बशर्ते फसल की देखभाल वैज्ञानिक विधि से की जाये. कुल मिलाकर, मौसम की अनिश्चितता के बावजूद हनवारा के किसान अपनी मेहनत और वैकल्पिक संसाधनों के सहारे खेतों को हरा-भरा बनाने में जुटे हैं.
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