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Gumla News: 5 महीने में सड़क हादसे में गई 136 लोगों की जान, मौत के ये आंकड़े जानकर उड़ जायेंगे होश

Gumla News: गुमला में पांच महीने के अंदर हुई मौत के आंकड़े होश उड़ाने वाले हैं. केवल सड़क हादसे में जनवरी से मई के बीच 136 लोगों की जान गयी है. जबकि 67 लोगों ने सुसाइड किया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की माने तो वज्रपात, हाथी और बिजली भी शहर में मौत का कारण बने हैं.

Gumla News | गुमला, दुर्जय पासवान: झारखंड के गुमला जिले में पिछले 5 माह के अंदर हुई मौत के आंकड़े भयावह जरूर लगेंगे. लेकिन यही हकीकत है. गुमला में आये दिन हादसे हो रहे हैं. जिससे लोगों की जान जा रही है. केवल पांच माह जनवरी से लेकर मई माह तक की मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो 315 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें सबसे अधिक सड़क हादसों में 136 लोगों की जान गयी है.

तेज रफ्तार बन रही मौत का कारण

जिले में अब सड़क हादसे लोगों को डरा रहे हैं. आये दिन रफ्तार के कारण हादसे हो रहे हैं. इसमें अधिकांश युवाओं की जान जा रही है. सड़क हादसे में मौत का एक प्रमुख कारण हेलमेट नहीं पहनना भी है. बाइक सवार बिना हेलमेट पहने तेजी से बाइक चलाते हैं. जिससे हर एक-दो दिन के अंदर हादसे हो रहे हैं और मौत हो रही है. इन पांच महीनों में शहर में 25 लोगों की हत्या भी हुई है. हालांकि, हत्या के केस में कमी आयी है. लेकिन सड़क हादसे, आत्महत्या, पानी में डूबकर मरने की घटना तेजी से बढ़ रही है.

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आत्महत्या ने बढ़ायी चिंता

गुमला जिले में आत्महत्या ने भी चिंता बढ़ा दी है. पांच माह के अंदर 67 लोगों ने फांसी लगाकर या जहर खाकर अपनी जान दी है. इसमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं. कम उम्र के बच्चों द्वारा आत्महत्या करने से सवाल खड़ा हो गया है कि कम उम्र के बच्चों को आत्महत्या करने से कैसे रोका जाये.

आत्महत्या करने वाले कई बीमार लोग भी हैं. इन लोगों ने बीमारी से परेशान होकर अपनी जान दी है. वहीं, कई ऐसे युवक-युवती हैं, जो प्रेम प्रसंग में अपनी जान दे रहे हैं. इसके अलावा स्कूल व कॉलेज के छात्र मोबाइल और बाइक के चक्कर में भी जान दे रहे हैं. कई ऐसे केस आये हैं, जिसमें मोबाइल देखने से मना करने पर बच्चे ने आत्महत्या कर ली.

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वज्रपात, हाथी और बिजली भी बने मौत का कारण

गुमला में अलग-अलग तरीके से लोगों की मौत हो रही है. वज्रपात से भी लोग मर रहे हैं. पांच माह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार 12 लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आने से हुई है. वहीं, हाथी के हमले से पांच माह में सात लोगों की जान गयी है. जंगलों से गांव में घुसने वाले हाथी अब लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. कई मामले में कुछ लोगों ने हाथी से अपनी जान बचायी. लेकिन सात लोगों को हाथी ने कुचलकर मार डाला.

बिजली करंट से भी तीन लोगों की जान जा चुकी है. इधर, घरेलू समस्या, काम के दबाव सहित कई अन्य कारणों से दबाव में रहने वाले 17 लोगों की हृदयगति रूकने से जान जा चुकी है. गुमला सदर अस्पताल के डीएस डॉ अनुपम किशोर ने कहा है कि गुमला अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पांच महीने में 315 लोगों की जान गयी है.

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अपील: जीवन अनमोल है

ऐसे में लोगों से अपील है, खासकर युवाओं व छात्रों से कि आपका जीवन अनमोल है. इसे ऐसे ही नहीं गंवाये. आत्महत्या करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होगा. अगर कोई परेशानी है, तो आप अपने परिजन व दोस्तों को बताये. ताकि उन समस्याओं को दूर किया जा सके और आपके आत्महत्या के निर्णय को पलटा जा सके. वहीं, तेज रफ्तार व बिना हेलमेट गाड़ी चलाने वाले भी यातायात नियम का पालन करें. क्योंकि, आपके जीवन से कई लोगों की आशा व उम्मीदें जुड़ी हुई है.

मौत के आंकड़े

मौत का कारणजनवरीफरवरीमार्चअप्रैलमईटोटल मौत
आत्महत्या131111191367
सड़क हादसा3123163432136
हत्या050805030425
पानी में डूबने की वजह से मौत061111091148
वज्रपात000201030612
बिजली करंट000100000203
हाथी का हमला000005020007
हृदयगति रूकना050202040417

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Rupali Das
Rupali Das
नमस्कार! मैं रुपाली दास, एक समर्पित पत्रकार हूं. एक साल से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यरत हूं. यहां झारखंड राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और जन सरोकार के मुद्दों पर आधारित खबरें लिखती हूं. इससे पहले दूरदर्शन, हिंदुस्तान, द फॉलोअप सहित अन्य प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों के साथ भी काम करने का अनुभव है.

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