गुमला. लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान की पहल पर गुमला में हुए कार्यक्रम में डीएलएसए सचिव, अहतू प्रभारी, चाइल्ड लाइन गुमला, डीएलएसए कर्मी व लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में एक सुर से स्वीकार किया गया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग से निबटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिल कर कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके. लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है. जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है. जेआरसी बाल श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह व बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा व न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है. जुलाई में लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ मिलकर बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर अभियान चलाया. चूंकि ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को दूसरे राज्य ले जाने के लिए रेल मार्ग का उपयोग करते हैं. इसलिए इस अभियान का फोकस यात्रियों, रेल कर्मियों, विक्रेताओं, दुकानदारों व कुलियों को बाल तस्करी के संकेतों की पहचान करने व संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से रिपोर्ट करने के लिए संवेदनशील बनाना था. लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान के सचिव सीपी यादव ने कहा कि अगर बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकनी है, तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है. बाल दुर्व्यापारियों को सजा मिलेगी, तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पायेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी