गुमला. साहब, आपके वादे फेल हो गये हैं, आज भी गांव वाले डाड़ी कुआं का गंदा पानी पी रहे हैं. डाड़ी का पानी पीने से बीमारी फैलने का भी डर सता रहा है. उपायुक्त गुमला के आश्वासन व परियोजना निदेशक आइटीडीए द्वारा दौरा करने के बाद भी रायडीह प्रखंड की कोब्जा पंचायत के आंवरा लोंगरा व गलगुटरी गांव के लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है. गांव के लोगों को उपायुक्त गुमला द्वारा दिया गया आश्वासन अब तक सिर्फ आश्वासन ही बना है. नतीजा आज भी गांव के लोग रोज पेयजल समस्या से दो-चार हो रहे हैं. आंवरा लोंगरा व गलगुटरी गांव की आबादी लगभग 700 हैं, जहां पानी, सड़क व बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. अभी गर्मी के मौसम में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. गांव के लोगों ने गर्मी के मौसम में गांव में पेयजल समस्या को ध्यान में रखते हुए बीते 21 जनवरी 2025 को उपायुक्त गुमला से मुलाकात कर गांव की समस्याओं से अवगत कराया था और विशेषकर पेयजल की समस्या को दूर करने की गुहार लगायी थी. उस समय उपायुक्त ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि उनकी समस्याओं का निदान किया जायेगा. इसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर परियोजना निदेशक आइटीडीए ने बीते 29 जनवरी 2025 को आंवरा लोंगरा गांव का दौरा कर गांव की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने गांव के लोगों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुन समाधान करने की बात कही थी. लेकिन अभी तक गांव की एक भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है. पहले की तरह ही गांव के लोग खुले खेत में बने डाड़ी कुआं का गंदा पानी पी रहे हैं. यदि डाड़ी में पानी कम पड़ जाये, तो गांव से लगभग दो किमी दूर से होकर बहने वाली शंख नदी से पानी ला रहे हैं.
ग्रामीणों ने कहा, भगवान भरोसे चल रही है जिंदगी
गांव की शांति देवी, असरीता कुमारी, सरिता कुमारी, रश्मि, सरस्वती समेत गांव के अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अब प्रशासन से भरोसा उठता जा रहा है. हमारी जिंदगी भगवान भरोसे चल रही है. क्योंकि पंचायत प्रतिनिधि से लेकर प्रखंड कार्यालय और प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला कार्यालय तक आवेदन सौंप गांव की समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया गया है. अधिकारियों ने समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक गांव की एक भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है. अभी गांव की सबसे बड़ी समस्या पेयजल है. गांव में पेयजल की सुविधा के नाम पर सिर्फ डाड़ी है. गांव में एक भी चापानल या कुआं नहीं है. गांव के लोग पीने के पानी के लिए डाड़ी पर आश्रित हैं. गर्मी के मौसम में डाड़ी का पानी सूख रहा है. आनेवाले दिनों में पानी की और किल्लत होगी. इसलिए लगभग चार माह पहले ही उपायुक्त को आवेदन देकर गांव में पेयजल सुविधा बहाल करने की मांग की गयी थी. लेकिन प्रशासन को हमारी समस्या से कोई मतलब नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है