बड़कागांव. बड़कागांव के कर्णपुरा डिग्री कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य कीर्तिनाथ महतो ने वित्तीय गड़बड़ी मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि कर्णपुरा कॉलेज की स्थापना 1983 में हुई थी, जब से लेकर 2025 तक कॉलेज में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं रही. राज्य सरकार और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अनुसार कॉलेज में नियम संगत पढ़ाई जारी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्णपुरा डिग्री कॉलेज और कर्णपुरा इंटर कॉलेज अलग-अलग संस्थान हैं. कर्णपुरा डिग्री कॉलेज का अपना भवन और मैदान है. डिग्री कॉलेज के नाम पर नौ एकड़ जमीन 1997 में तत्कालीन प्राचार्य राम सेवक महतो द्वारा राज्यपाल के नाम पर रजिस्टर्ड करायी गयी थी. 1983 में जुगनू महतो और सुरजू महतो समेत अन्य लोगों ने कॉलेज के लिए कुल नौ एकड़ जमीन दान दी थी. कर्णपुरा डिग्री कॉलेज का स्थायी संबंध 2009 में प्राप्त हुआ, और 2010 से अनुदान मिलना शुरू हुआ. प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि अगर कॉलेज में अनियमितता होती तो इसे अनुदान नहीं मिलता. उन्होंने आरोप लगाया कि सेवानिवृत्त प्राचार्य राम सेवक महतो स्वयं अपने पूर्व के कामों को वित्तीय घोटाला बता रहे हैं और विश्वविद्यालय से जांच की मांग कर रहे हैं. कर्णपुरा डिग्री कॉलेज के सभी शिक्षक जांच के समर्थन में हैं. सेवानिवृत्त प्राचार्य राम सेवक महतो की मांग पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय द्वारा पहले भी जांच कराई गयी थी. विनोबा भावे विवि के तीन पदाधिकारी और दो ऑडिटर द्वारा 2010 से 2020 तक का ऑडिट किया गया, जिसमें राम सेवक महतो पर 50,30,922 रुपये की वित्तीय गड़बड़ी पायी गयी. रिकवरी के लिए विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने निर्देश जारी किया है. कर्णपुरा इंटर कॉलेज का संचालन सेवानिवृत्त प्राचार्य राम सेवक महतो कर रहे हैं. इंटर कॉलेज की दो एकड़ जमीन स्टेडियम के पीछे स्थित है, वह डिग्री कॉलेज के प्रांगण से बाहर है. कर्णपुरा इंटर कॉलेज की जमीन सेवानिवृत्त प्राचार्य राम सेवक महतो ने अपने नाम पर केवाला करायी है. वे कॉलेज से दो बैटरी, इनवर्टर, प्रिंटर मशीन व महत्वपूर्ण कागजात भी अपने घर ले गये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है