हजारीबाग. बजट सत्र के दौरान सोमवार को सदन में सांसद मनीष जायसवाल ने झारखंड की महत्वाकांक्षी योजना कोनार परियोजना की ओर लोकसभा अध्यक्ष का ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा कि तिलैया डैम और कोनार डैम का निर्माण 1955 में हुआ था. इन डैम के निर्माण से हजारों गांवों के लोग विस्थापित हुए, जिसमें हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के चौपारण, बरही, विष्णुगढ़ और चंदवारा के बहुत सारे लोग शामिल हैं. विस्थापित हुए लोगों का आज तक पुनर्स्थापन नहीं हुआ. सरकार से आग्रह किया कि तिलैया डैम और कोनार डैम के सभी विस्थापितों का अविलंब पुनर्स्थापन कराया जायं. सांसद ने कहा कि कोनार डैम से नहर की योजना 1978 में चालू हुई, जो 50 वर्ष बाद आज तक पूर्ण नहीं हो सका और एक भी गांव को इस योजना से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाया. उन्होंने मांग की कि कोनार डैम की सिंचाई परियोजना को केंद्र सरकार संपूर्ण कराये. यहां हाइडल पावर लगायें और कोनार डैम क्षेत्र में टूरिज्म डवलप करें, ताकि लोगों को यहां रोजगार मिल सके. सांसद ने यह भी कहा कि इस सिंचाई परियोजना से क्षेत्र के करीब 85 गांव को पानी मिलना था. लगभग 63 हज़ार एकड़ भूमि सिंचित होने का लक्ष्य था, जो अबतक लंबित है.
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