27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

हरियाली दूत जो जन्म से लेकर मृत्यु तक लगवाते हैं पौधे

आम लोग खुली हवा में सांस ले सकें, इस अभियान को अपने जीवन का मकसद बनाने वालों में दिनेश साव एक हैं.

टाटीझरिया. आम लोग खुली हवा में सांस ले सकें, इस अभियान को अपने जीवन का मकसद बनाने वालों में दिनेश साव एक हैं. पर्यावरण बचाओ हरित क्रांति यात्रा चलाकर डुमरी गांव के रहने वाले दिनेश चौपारण को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं. घरेलू काम के साथ-साथ जल और जंगल बचाने का अभियान चला रहे हैं. किसी के घर में नवजात के जन्म होने पर एक पौधा भेंट करते हैं और बच्चे के नाम का पौधा उसके अभिभावकों से लगवाते हैं. बच्चे के जैसा पौधे की देखरेख करने का संकल्प उनके अभिभावकों को दिलाते हैं. अब दिनेश शादी के अवसर पर एवं सालगिरह पर अपने दोस्तों को उपहार में एक पौधा भेंट कर रहे हैं. साथ ही किसी के निधन पर क्रिया कर्म के दौरान दशगात्र पर मृतक की आत्मा की शांति एवं उनकी याद में एक पौधा लगवा रहे हैं. दिनेश के इस अनोखे प्रयास के लिए कई बार सरकारी अधिकारियों एवं विधायक ने सम्मानित किया है. चौपारण ही नहीं, बल्कि हजारीबाग जिले में दिनेश अब हरियाली दूत के नाम से जाने जाते हैं.

2002 में की अभियान की शुरुआत

दिनेश ने वर्ष 2002 से इस अभियान की शुरुआत अपने जन्मभूमि डुमरी गांव से की थी. सबसे पहले उन्होंने बिरसा उच्च विद्यालय के बंजर भूमि पर विभिन्न प्रजाति के सैकड़ों पेड़ लगाये. आज विद्यालय परिसर हरा भरा है. इसके अलावा कई ऐसे बंजर भूमि पर दिनेश के प्रयास से हरियाली लौट आयी है.

30 हजार पेड़ का कर चुके है वितरण

दिनेश प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक से डेढ़ हजार पौधों का वितरण करते रहे हैं. 23 साल में उन्होंने 30 हजार पौधों का वितरण कर चुके हैं. इसके लिए दिनेश अपने घर के आसपास बंजर भूमि पर नर्सरी लगा रखे हैं. दिनेश ने बताया कि इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में उन्हें क्षेत्र से जन सहयोग मिल रहा है.

सम्मान और प्रेरणा की कहानी

इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने पर दिनेश को कई समारोह में सम्मान मिला है. तो कहीं प्रेरणादायी का संज्ञा दिया गया है. दिनेश का मुख्य मकसद पर्यावरण बचाना है. शुरुआती दौर में जब दिनेश किसी की शादी पार्टी में पौधा लेकर भेंट करने मंच पर पहुंचते थे, तो कुछ लोग दिनेश का मजाक उड़ाते थे. दिनेश नकद न देकर उनके परिवार वालों को एक पौधा देने लगे. तब से वे पर्यावरण बचाओ अभियान को मुकाम तक पहुंचाने में लगे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel