15हैज1में- डीसी शशि प्रकाश सिंह 15हैज2में- प्रभात खबर में छपा समाचार का कतरन मो आरिफ हजारीबाग. हजारीबाग प्रमंडल में बंदोबस्त कार्यालय की गंभीर स्थिति को लेकर प्रभात खबर में प्रकाशित समाचार पर प्रशासन ने संज्ञान में लिया है. छह जिलों के मुख्यालय हजारीबाग में सात महीने से बंदोबस्त पदाधिकारी का पद रिक्त था और 18 स्वीकृत सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी पदों में से केवल एक पदाधिकारी कार्यरत थे. इस स्थिति के कारण भूमि सर्वेक्षण और दस्तावेजीकरण का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया था. रैयतों को खाता, खतियान, नक्शा जैसे जरूरी दस्तावेजों के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. 14 जुलाई को देर शाम उपायुक्त ने प्रभार लिया प्रभात खबर की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और राज्यपाल के आदेश पर 14 जुलाई की देर शाम हजारीबाग उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह को बंदोबस्त पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की. श्री सिंह ने मंगलवार को पदभार ग्रहण किया और कामकाज की समीक्षा शुरू की. वे हजारीबाग के 28वें बंदोबस्त पदाधिकारी बने हैं. पांच माह से यह पद रिक्त था बता दें कि पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी इंदू बाला गुप्ता 31 जनवरी 2025 को सेवानिवृत्त हुई थीं. इसके बाद से यह पद रिक्त था. वहीं, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (मुख्यालय) चमरू महली भी 30 जून को सेवानिवृत्त हो गये. प्रमंडलीय बंदोबस्त कार्यालय की स्थापना 1995 में हुई थी, जिसके अंतर्गत हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, रामगढ़ और बोकारो जिले आते हैं. कार्यालय में एक बंदोबस्त पदाधिकारी, दो प्रभारी पदाधिकारी, 15 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और 20 कानूनगो सहित कुल 38 स्वीकृत पद हैं. इसके अलावा सरकारी, दैनिक और आउटसोर्सिंग कर्मियों को मिलाकर कर्मचारियों की संख्या 80 से अधिक है. छह जिलों में भूमि सर्वेक्षण कार्य पूरी तरह से रुक गया था बंदोबस्त पदाधिकारी के अभाव में छह जिलों में भूमि सर्वेक्षण कार्य पूरी तरह से रुक गया था. कोर्ट से जुड़े कार्य भी प्रभावित हुए, जिससे रैयतों को अपने जमीन से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने में कठिनाई हो रही थी. हजारीबाग जिले के बड़कागांव, चुरचू, बरही, बरकट्ठा, चौपारण, रामगढ़ जिले के गोला, मांडू और बोकारो जिले के चंद्रपूरा में बंदोबस्त पदाधिकारी के रहते तस्दीक शिविर (धारा 83, 89 सहित) चालू थे, लेकिन पदाधिकारी के नहीं रहने से कई शिविर बंद कर दिये गये, जबकि कुछ अभी भी चालू हैं, जहां आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं. रामगढ़ जिले के पतरातू अंचल में सर्वे कार्य अंतिम चरण में है.1932 के बाद नियमतः 50 वर्षों में रिविजनल सर्वे के तहत 55 से 60 गांवों का सर्वे पूरा किया गया है. रैयतों को नये खाता-खतियान बांटने की तैयारी हो चुकी है, लेकिन बंदोबस्त पदाधिकारी के नहीं होने से यह प्रक्रिया रुकी हुई थी. अब उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह के अतिरिक्त प्रभार ग्रहण करने से उम्मीद है कि भूमि सर्वेक्षण और दस्तावेजीकरण का कार्य पुनः गति पकड़ेगा और रैयतों को राहत मिलेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है