हजारीबाग. हजारीबाग जिले में 4239 लोग एचआइवी (एड्स) से संक्रमित हैं, इसमें पुरुष, महिला व बच्चे शामिल हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जमाने में एचआइवी का बढ़ता संक्रमण चिंता का विषय है. इसकी रोकथाम के लिए सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है. आम लोगों को भी एचआइवी संक्रमण से बचने के लिए जागरूक होना होगा. हजारीबाग जिला नेटवर्क फोर पब्लिक लिविंग विद एचआइवी एड्स सोसाइटी के आंकड़ों के अनुसार जिले में 2135 पुरुष, 1800 महिला, 167 बालक व 137 बालिका एचआइवी से संक्रमित हैं. पिछले 10 साल में एचआइवी से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 809 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 521 पुरुष, 241 महिला, 28 बालक और 19 बालिका शामिल हैं. सोसाइटी के सचिव बहादुर ने बताया कि एचआइवी संक्रमण पिछले कुछ सालों में कम हुआ है. लोगों के बीच जागरूकता अभियान लगातार चलाया जा रहा है. आज भी एचआइवी संक्रमण को लेकर समाज में कई भ्रांतियां हैं. समाज में लोग एचआइवी संक्रमण की पहचान उजागर करने से परहेज करते हैं. इस वजह से स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं बढ़ती जाती हैं. मेरे संस्था द्वारा संक्रमित लोगों के बीच मुफ्त मच्छरदानी व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराये जाते हैं. इसके अलावा जागरूकता के लिए बाजार व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता फैलाया जा रहा है. सदर अस्पताल एआरटी सेंटर की डॉ कात्यानी ने बताया कि एचआइवी संक्रमित लोगों के लिए लगातार काउंसिलिंग की जाती है. प्रत्येक दिन एआरटी सेंटर में 30 से 35 लोग काउंसिलिंग के लिए आते हैं. संदेह होने पर लोगों को आसीटीसी जांच की जाती है. पॉजिटिव होने पर संक्रमित व्यक्तियों को एआरटी सेंटर से मुफ्त दवा दी जाती है. समय-समय पर एचआइवी संक्रमित व्यक्तियों को वायरल लोड टेस्ट किया जाता है.
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