हर्रम जुलूस में घायल लोगों को देखने के लिए एक साथ दर्जनों लोग घुस रहे थे. मना करने के बाद भी परिजन और नर्सों व गार्ड से उलझ रहे थे.
8हैज101में- मेडिकल कॉलेज का बर्न यूनिट वार्ड
हजारीबाग. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बर्न यूनिट वार्ड बन गया है. जहां गंभीर रूप से जलने वाले मरीजों का उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह यूनिट आधुनिक चिकित्सा सुविधा से युक्त है. मरीजों की देखभाल के लिए अलग से नर्सों की व्यवस्था की गयी है. इस यूनिट काे प्रभारी रूप से चलाने के लिए मरीजों के परिजनों की भूमिका अहम है. बर्न यूनिट वार्ड में अस्पताल के डॉक्टरों का दिशा निर्देश पालन करने में परिजन बाधा बन रहे हैं. मंगलवार को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बर्न यूनिट वार्ड में तुरांव मुहर्रम जुलूस में घायल लोगों को देखने के लिए एक साथ दर्जनों लोग घुस रहे थे. बार-बार मना करने के बाद भी मरीजों के परिजन और नर्सों व गार्ड से उलझ रहे थे. परिजनों के इस गलती के कारण मरीजों में संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ रहा है. बर्न यूनिट वार्ड के गाइडलाइन- चिकित्सकों के अनुसार इस वार्ड में प्रवेश करने वाले लोगों को हाथों को नियमित से धोना और हाथों की सफाई के लिए हाइड्रोजन पैरोडॉक्साइड का उपयोग किया जाता है. बर्न यूनिट में मरीज के साथ कुछ ही व्यक्ति को रहने की अनुमति दी जाती है. जिससे संक्रमण की संभावना कम होती है. चिकित्सकों और नर्सों के गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है. बर्न यूनिट के इंचार्ज डॉ एमके राय ने कहा कि इस गाइडलाइन के पालन नही करने से इसका सीधा असर मरीज के स्वास्थ्य पड़ता है. संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. लोग निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों में नर्सों और डॉक्टरों का निर्देशों का पालन करते है, लेकिन जैसे ही सरकारी अस्पताल आते है उनका यह व्यवहार खत्म हो जाता है. जिससे मरीज के ठीक होने में काफी प्रतिकूल असर पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है