बड़कागांव. प्रखंड में पेयजल की समस्या गहरा गयी है. प्रखंड के विभिन्न मोहल्ले में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बड़कागांव ब्लॉक में बन रही जलमीनार सात साल में भी पूरी नही हुई. ग्रामीणों का कहना है कि पेयजल संकट दूर करने पर जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है. जलापूर्ति के लिए बार-बार मांग उठायी जाती है, लेकिन कोई नहीं सुनता. लोग खरीद कर पानी पीने को मजबूर हैं. 20 लीटर पानी के एक जार के लिए उन्हें 25 रुपये देने पड़ते हैं. मध्य पंचायत के मुखिया मोहम्मद तकरीमुला खान का कहना है कि पानी की समस्या से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. जनवरी 2018 में यहां पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा 5.34 करोड़ जलमीनार बनाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन आज भी वह अधूरी है. बाद में इसे पेयजल स्वच्छता मंत्री द्वारा नौ करोड़ रुपए प्राक्कलन राशि बढ़ाने की अनुशंसा की गयी थी. इस जलमीनार से बड़कागांव मध्य, पश्चिमी व बड़कागांव पूर्वी पंचायत में लगभग 10,000 से अधिक घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. एक वर्ष तक तेज गति से काम चला, लेकिन बाद में काम रूक गया.
नये संवेदक को दिया जायेगा काम
पेयजल स्वच्छता विभाग के इंजीनियर प्रदीप तिर्की ने बताया कि पुराने वाले ठेकेदार रामाधार सिंह कंस्ट्रक्शन को काली सूची में डाल दिया गया था. नये संवेदक को कम दिया जायेगा. इस प्रक्रिया जारी है. जलमीनार का निर्माण पूरा होने पर लगभग एक वर्ष तक समय लगेगा.
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