हजारीबाग. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में बुधवार को इतिहास में उठते विवाद विषय पर व्याख्यान हुआ. मुख्य वक्ता मगध विवि के प्रो मुकेश कुमार ने इतिहास लेखन में वस्तुनिष्ठता और सामान्यीकरण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि हड़प्पा सभ्यता का दक्षिणी विस्तार पहले जहां तक सीमित माना जाता था, अब दायमाबाद तक स्वीकार किया जा रहा है. नये साक्ष्य मिलने पर यह दायरा और बदल सकता है. उन्होंने तर्क दिया कि अकबर को सहिष्णु सम्राट मानने की धारणा स्रोतों पर आधारित है, पर यदि सांप्रदायिक नीति के साक्ष्य मिलते हैं, तो दोनों दृष्टिकोणों को महत्व देना होगा. इतिहास को साक्ष्य आधारित होना चाहिए ताकि वह आधुनिक भारत को दिशा दे सके. कार्यक्रम का संचालन भैरव आनंद ने किया. विभागाध्यक्ष डॉ हितेंद्र अनुपम ने विषय प्रवेश कराया. इस अवसर पर डॉ विकास कुमार, डॉ फ्रांसिस्का कुजूर, डॉ मंजुला सांगा समेत शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे.
डॉ सुकल्याण मोइत्रा बने राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष
हजारीबाग. विनोबा भावे विवि ने डॉ सुकल्याण मोइत्रा को राजनीति विज्ञान विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया है. इस संबंध में विवि ने अधिसूचना जारी कर दी है. डॉ मोइत्रा ने बुधवार को समाज विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ सादिक रज्जाक से पदभार ग्रहण किया. डॉ मोइत्रा विभावि के राजनीति विज्ञान में एकमात्र एसोसिएट प्रोफेसर हैं. इस वजह से अपने विषय में विवि के सबसे वरीय शिक्षक हैं. विनोबा भावे विवि उनकी नियुक्ति 1996 को हुई थी. वह पहले विद्यार्थी थे, जो अपने ही विवि में प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हुए थे. इनके पिता प्रो सुभाष कुमार मोइत्रा 1962 से 1998 तक संत कोलंबा कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक थे. वहीं दादाजी प्रो ज्ञानेंद्र नाथ मोइत्रा भी 1916 से 1948 तक संत कोलंबा कॉलेज के इतिहास विभाग में प्राध्यापक थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है