हजारीबाग. हजारीबाग झील के सुंदरीकरण कार्य का नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद ने शुक्रवार को निरीक्षण किया. उन्होंने संवेदक को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का निर्देश दिया है. सुंदरीकरण कार्य में अनियमितता की शिकायत मिलने पर नगर आयुक्त अपनी इंजीनियरिंग टीम के साथ झील परिसर पहुंचे थे. उन्होंने कहा है कि गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने पर राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा. हजारीबाग झील शहर के लिए हृदय स्थली है. इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. झील का सुंदरीकरण कार्य करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है. सुंदरीकरण का कार्य आदर्श कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है. नगर आयुक्त ने संवेदक को प्राक्कलन के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया है. साथ ही निगम के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता को इसकी नियमित निगरानी करने को कहा है. इस अवसर पर सहायक नगर आयुक्त विपिन कुमार, अनिल पांडेय, कार्यपालक अभियंता रमेश कुमार सिंह, सहायक अभियंता आनंद भूषण समेत कई लोग शामिल थे.
निर्दोषों पर कार्रवाई का आरोप, अधिकारियों को लिखा पत्र
बरकट्ठा. जयहिंद सेना सामाजिक संस्था के जिलाध्यक्ष झुरझुरी गांव निवासी अरुण कुमार मेहता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नयी दिल्ली समेत झारखंड व केंद्र के दर्जनों वरीय अधिकारियों को पत्र भेजा है. उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल को तरबेचवा में दो पक्षों के बीच हुई झड़प में मुझे और मेरे गाड़ी के चालक मो सत्तार अंसारी को पुलिस ने नामजद आरोपी बना दिया है. घटना के दिन मैं हजारीबाग में अपनी गाड़ी का सर्विसिंग हजारीबाग रहा था. मेरे साथ चालक सत्तार अंसारी भी था. उन्होंने बताया कि मेरा इलाज रिम्स रांची से चल रहा है, जिसकी जांच मुझे हरेक सप्ताह में करानी पड़ती है. घटना वाले दिन भी मैंने अपनी जांच हजारीबाग पैथोलॉजी में करायी थी. घटना में हम-दोनों को बरकट्ठा पुलिस के द्वारा नामजद आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया. इस संबंध में बरकट्ठा पुलिस निरीक्षक इमदाद अंसारी ने बताया कि पुलिस पर लगाया गया आरोप गलत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है