हजारीबाग. जिले के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आइसीटी) की जानकारी देनी है. इसकी शुरुआत दिसंबर 2014 में की गयी है. योजना के संचालन पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेइपीसी) प्रति महीने लाखों रुपये खर्च कर रही है. पूरे जिले में कक्षा एक से 12वीं के लगभग 1800 स्कूल हैं. इसमें 86 मध्य विद्यालय व 119 उच्च विद्यालय मिलाकर मात्र 205 स्कूलों का चयन आइसीटी लैब में किया गया है. शेष स्कूलों में आइसीटी लैब नहीं है.
167 इंस्ट्रक्टर कार्यरत
आइसीटी लैब का संचालन इंस्ट्रक्टर करते हैं. 205 स्कूलों के लिए अलग-अलग कई कंपनी के माध्यम से 167 इंस्ट्रक्टर का चयन किया गया है. सबसे अधिक 23 इंस्ट्रक्टर बरकट्ठा प्रखंड में हैं. वहीं, सबसे कम मात्र एक इंस्ट्रक्टर कटकमदाग प्रखंड में है. एक इंस्ट्रक्टर की कार्य अवधि पांच वर्ष निर्धारित है. इंस्ट्रक्टर बनने के लिए कंप्यूटर की शिक्षा में उच्च डिग्री अनिवार्य किया गया है.
आइसीटी लैब क्या है
आइसीटी लैब के माध्यम से कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग कर विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा देना है. नयी तकनीक से अधिक रूचि और समझ के साथ विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ाना कार्यक्रम का उद्देश्य है. सामाजिक-आर्थिक व अन्य भौगोलिक बाधाओं से जूझ रहे विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करना है.
कई इंस्ट्रक्टर 2019 में हटाये गये
2014 में नियुक्त कई इंस्ट्रक्टर को 2019 में हटाया गया है. इंस्ट्रक्टर पद से हटे अधिकांश की डिग्री के कागजात जांच में फर्जी मिले हैं. 2014 में शहर के केबी हाई स्कूल में एक महिला को इंस्ट्रक्टर बनाया गया था. 2019 में उसे दोबारा नियुक्ति नहीं मिली है.
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