हजारीबाग. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग की अव्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल उठ रहा है. चलकुशा प्रखंड की एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन प्रसव कक्ष का दरवाजा नहीं खोले जाने की घटना ने पूरे जिले को शर्मसार कर दिया. महिला को अंततः निजी अस्पताल में ले जाकर सामान्य प्रसव कराना पड़ा. इसे लेकर शुक्रवार को सीपीआई कार्यालय में पूर्व सांसद एवं झारखंड विस्थापित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने प्रेसवार्ता कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने इस अमानवीय घटना के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सकों और नर्सों की संवेदनहीनता पर नाराजगी जतायी और इसे मानवता के खिलाफ बताया. घटना को उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने भी दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जांच के आदेश दिये हैं. श्री मेहता ने आरोप लगाया कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में बिचौलियों का दबदबा है, जो मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर करते हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में करोड़ों की लागत से लगाए गए आधुनिक उपकरण अनुपयोगी पड़े हैं, जो प्रबंधन की असफलता को उजागर कर रहे हैं. पूर्व सांसद ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी और स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. श्री मेहता ने कहा कि अस्पताल की कार्यशैली में जल्द सुधार नहीं हुआ और ऐसी घटनाएं दोहराई गईं, तो जुलाई के पहले सप्ताह में एसबीएमसीएच के मुख्य द्वार पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. प्रेस वार्ता में बटेश्वर प्रसाद मेहता, निजाम अंसारी, महेंद्र राम, तनवीर अहमद, मो हकीम समेत अन्य लोग शामिल थे.
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