विदेश में मजदूरों की मौत के बाद शव लाने में मुश्किलें 15हैज51में- मृतक के परिजन विष्णुगढ़. विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के जोबार पंचायत निवासी रामेश्वर महतो की 15 जून 2025 को कुवैत में मौत हो गयी थी. एक माह बीतने के बाद भी उनका शव स्वदेश नहीं पहुंच पाया है, जिससे परिजन अंतिम दर्शन की आस में हर दिन राह देख रहे हैं. कंपनी की ओर से मुआवजे की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, जिससे परिवार की चिंता और बढ़ गयी है. समाजसेवी सिकंदर अली लगातार प्रयासरत हैं और संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिलों से बड़ी संख्या में लोग देश-विदेश में काम करते हैं, लेकिन दुर्घटना के बाद मुआवजा और शव लाने की प्रक्रिया बेहद जटिल होती है. कई बार महीनों तक शव विदेश में ही पड़ा रहता है, जिससे परिजनों को मानसिक और आर्थिक पीड़ा झेलनी पड़ती है. गंगपांचो के प्रवासी मजदूर दिनेश पासवान बेंगलुरु से लापता 15 बरकट्ठा 2 में – दिनेश पासवान का फाइल फोटो बरकट्ठा. प्रखंड क्षेत्र के ग्राम गंगपांचो निवासी प्रवासी मजदूर दिनेश पासवान 24 वर्ष (पिता स्व रेवलाल पासवान) बेंगलुरु से लापता हो गया है. इस संबंध में ग्राम गंगपांचो निवासी केदार पासवान ने मंगलवार को बरकट्ठा थाना में लिखित शिकायत की है. जिसमें बताया है कि मेरे बड़े भाई दिनेश पासवान आठ जुलाई को मजदूरी करने बेंगलुरु गये थे. वहां दिनेश एक होटल में दो दिन काम करने के बाद छोड़कर पुनः घर आने के लिए 12 जुलाई की सुबह बेंगलुरु के यशवंतपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा था. जिसके बाद से उसका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. केदार पासवान ने पुलिस प्रशासन से बड़े भाई की सकुशल वापसी के लिए खोजबीन की गुहार लगायी है.
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