हजारीबाग. संत स्टीफन चर्च की बाउंड्री और प्रार्थना सभा पर हो रहे निर्माण कार्य विवाद को लेकर झारखंड अल्पसंख्यक आयोग शनिवार को हजारीबाग पहुंची. झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष प्राणेश सोलोमन, ज्योति सिंह मथारू और बरकत अली ने चर्च का दौरा किया. ईसाई समुदाय के लोगों से मिले और उनकी समस्याओं को जाना. आयोग के सदस्य करीब आधे घंटे तक चर्च परिषद में रहे. आयोग ने न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. आयोग ईसाई समुदाय और जिला प्रशासन से बातचीत की : इस मुद्दे को लेकर हजारीबाग परिसदन भवन में चर्च कमेटी, जिला प्रशासन और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी. ईसाई समुदाय के लोगों ने कहा कि यह जमीन वर्षों से हमारे कब्जे में है. जिस पर हम लोग प्रार्थना करते हैं. इस समय चर्च का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है. हम लोग चर्च के अंदर प्रार्थना नहीं कर पा रहे हैं. 40 दिनों से उपवास का कल चल रहा है. प्रशासन बिना नोटिस दिये चर्च परिसर को बार-बार घेराबंदी कर रहा है. इसके बाद आयोग ने ईसाई समुदाय से चर्च की स्थिति और प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई की विस्तृत जानकारी प्राप्त की. आयोग ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है. सभी संबंधित पक्षों के साथ समन्वय स्थापित कर न्यायसंगत समाधान निकालने के लिए प्रयासरत है.
समाधान के लिए तीन सदस्य टीम गठित
चर्च मामले को सुलझाने के लिए जिला प्रशासन ने अपार समझौता संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्य टीम गठित किया है. इसके अलावा सदर एसडीओ बैजनाथ कामती और कार्यपालक दंडाधिकारी प्रेम कुमार के नाम शामिल है. यह समिति जमीन संबंधित मामलों व अन्य जानकारी उपायुक्त को जल्द सौंपेंगे. इसके बाद सरकार निर्णय लेगी. कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह ने चर्च पहुंचकर स्थानीय लोगों को समर्थन दिया. आश्वासन दिया कि उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पार्टी हरसंभव प्रयास करेगी. उन्होंने कहा हम एकता और न्याय में विश्वास रखते हैं. इस मामले को सभी उचित मंचों पर उठाया जायेगा, ताकि समाधान निकले और किसी भी समुदाय के अधिकारों का हनन न हो. अल्पसंख्यक आयोग ने मामले को सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है, जिससे चर्च से जुड़े लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है. इस पहल से हजारीबाग में सामुदायिक सौहार्द को बनाये रखने में मदद मिलेगी और न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाये जायेंगे.
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